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(विडियो देखिये)कल सुबह से e-मशीन से कटेगा चालान,डोईवाला पुलिस के पास पहुंची 5, ई-चालान मशीन

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रजनीश सैनी 80770-62107

देहरादून : मोटर व्हीकल एक्ट (MV ACT) के उल्लंघन पर उत्तराखंड पुलिस विभाग ने सूबे के देहरादून जनपद में ई-चालान मशीन से चालान करने शुरू कर दिये हैं।

जिले की 136 ई-मशीन में से 5 मशीन आज डोईवाला कोतवाली को उपलब्ध हो गयी हैं।

आप विडियो देखियेगा :——

डोईवाला पुलिस में किसके पास पहुंची ये मशीन :—-

सब-इंस्पेक्टर विनीता बेलवाल,सब-इंस्पेक्टर मुकेश डिमरी के अलावा

जॉलीग्रांट चौकी प्रभारी महावीर रावत ,

लाल तप्पड़ चौकी प्रभारी रामनरेश शर्मा

और हर्रावाला चौकी प्रभारी राजेंद्र सिंह पुजारा

को ये मशीन उपलब्ध करवायी गयी हैं।

क्या है ये मशीन :—- यह चालान करने की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है।

यह हाथ में पकडे जाने वाली यूनिट है। जो प्रिंटर,GPRS,GPS,QWERTY कीपैड (एक प्रकार का टाइपिंग पैटर्न),टच स्क्रीन,स्मार्ट कार्ड से युक्त है।

उत्तराखंड में कब हुई लांच :—-

डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG),ट्रैफिक केवल खुराना ने 6 जुलाई को सिटी पेट्रोल यूनिट (CPU) को 13 मशीन उपलब्ध करवायी थी जो अपना काम कर रही हैं ,

लेकिन देहरादून जिले में इसकी विधिवत लांच बीती 23 अगस्त को एसएसपी अरुण मोहन जोशी के द्वारा की गयी है।

अभी सिर्फ देहरादून जिले में ही ये लागू होगी।जिसके बाद अन्य 12 जिलों में इसके लागू किये जाने की संभावना है।

क्या ख़ास है इसमें :—-

(1)मोटर वाहन अधिनियम (MV ACT) के उल्लंघन पर ऑनलाइन पेमेंट मोड

जैसे गूगल-पे,Paytm,एटीएम कार्ड से तुरंत भुगतान कर सकते हैं।

(2)ऑनलाइन मोड में यह मशीन सर्वर से जुड़कर चोरी के वाहन,इन्सुरेंस,Pollution आदि से संबंधित डाटा तुरंत दे देती है।

जिससे वाहन की सही जानकारी उपलब्ध हो जाती है।

जिसके अनुसार पुलिस अधिकारी चालक के ट्रैफिक नियम उल्लंघन के अपराधिक इतिहास के अनुसार

जुर्माने की रकम (जैसे पहला अपराध,दूसरा -तीसरा अपराध) तय करने के साथ ही

वाहन सीज करने की कार्यवाही कर सकता है।

(3)इसमें पुलिस अधिकारी को अपराध की प्रकृति,स्थल,वाहन का मॉडल,रंग इत्यादि कोई एंट्री नही करनी पड़ती बल्कि पहले से निर्धारित संबंधित कोड को ही दबाना है।

(4)जिसका चालान किया गया हो वो व्यक्ति कहीं से भी इंटरनेट के माध्यम से डुप्लीकेट चालान कॉपी ले सकता है।

(5)इसका सॉफ्टवेयर नेशनल इन्फार्मेटिक्स सेंटर (NIC) से जुड़ा है।

(6) यूनिक login id और पासवर्ड होने के कारण विभाग के पास रिकॉर्ड रहेगा कि किस पुलिस अधिकारी ने कितने चालान किये हैं।

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