“कैद नही एक्टिविटी का जरिया है व्हीलचेयर”-डाॅ. वीरेन्द्र विक्रम सिंह,एसआरएचयू में हुई एक दिवसीय वर्कशॉप
देहरादून : जॉलीग्रांट स्थित स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी में रीढ़ की चोट में व्हील चेयर के इस्तेमाल पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर दिल्ली के डाॅ. वीरेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि आम जनता में ये धारणा है कि,”व्हीलचेयर एक कैद जैसी है,
लेकिन वास्तविकता यह है कि शारीरिक अंग के विकार से ग्रस्त व्यक्ति व्हीलचेयर की मदद से न केवल घर के भीतर इंडोर एक्टिविटी कर सकते हैं बल्कि आउटडोर जाकर शॉपिंग इत्यादि भी कर सकते हैं।
व्हीलचेयर का इस्तेमाल करने वाले ऐसे पेशेंट जिनका ऊपरी हिस्सा ठीक है वो इसकी मदद से सीढ़ियां भी चढ़ सकते हैं।
कुछ व्हीलचेयर यूजर दौड़,बास्केटबॉल,टेनिस जैसे खेलों में प्रतिभाग करते हैं।
“डाॅ. वीरेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि प्रतिवर्ष 11 हजार लोगों को स्पाइनल कोर्ड इंजरी होती है।
ऐसे में इसका उपयोग महत्वपूर्ण हो जाता है।
मुख्य रूप से व्हील चेयर की मदद से सीढ़ियां चढ़ना, बेड से उतरना, कार पर बैठना, गिरने से कैसे बचा जाये आदि का प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है।
उन्होंने बताया की पहले व्हीलचेयर काफी भारी आती थी लेकिन अब हल्के वजन की भी बाजार में उपलब्ध हैं।
मरीज की आवश्यकता के अनुसार बैटरी से चलने वाली पावर व्हीलचेयर भी उपलब्ध है।
एसआरएचयू के फिजियोथेरेपी विभाग और इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ फिजियोथेरेपिस्ट,वूमैन सेल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन रजिस्ट्रार नलिन भटनागर ने किया।
कार्यशाला में प्रशिक्षित चार छात्रों को व्हील चेयर के सही उपयोग पर पुरस्कृत भी किया।
आयोजक डाॅ. अमित शर्मा व डाॅ. चारू शर्मा ने बताया कि कार्यशाला में 50 पैरामेडिकल छात्रों सहित लक्सर, हरिद्वार व ऋषिकेश से मरीज भी शामिल हुये।
डाॅ. वीरेन्द्र विक्रम सिंह ने विश्वविद्यालय को एक एडवांस व्हील चेयर और दो व्हील चेयर मरीजों को भेंट की।
कार्यशाला में एसबीएस बालावाला, एसजीआरआर देहरादून व डाॅलफिन इंस्टीट्यूट से डेलीगट्स ने प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर फिजियेथेरेपी इंचार्ज डाॅ. अभिषेक शर्मा, डाॅ. आशीष नेगी उपस्थित थे।