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Gangrape With Monitor Lizard : 4 व्यक्तियों ने किया ‘छिपकली’ से सामूहिक बलात्कार !

Gangrape With Monitor Lizard

एक बेहद चौंकाने वाले मामले में महाराष्ट्र के सह्याद्रि टाइगर रिज़र्व में बंगाल मॉनिटर छिपकली (Bengal Monitor Lizard) के साथ कथित तौर पर चार व्यक्तियों के द्वारा बलात्कार करने का मामला सामने आया है.

इस मामले में चार व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

> छिपकली से गैंगरेप की बनी है वीडियो रिकॉर्डिंग
>सीसीटीवी की मदद से हुई आरोपियों की पहचान
>आरोपियों से 2 पिस्तौल और 2 बाइक बरामद
> हो सकता है इस मामले में आजीवन कारावास

 

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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’
मुंबई :

छिपकली से सामूहिक बलात्कार Gangrape With Monitor Lizard

महाराष्ट्र के सहयाद्री टाइगर रिजर्व में बंगाल मॉनिटर छिपकली से कथित रूप से सामूहिक बलात्कार करने के आरोप में 4 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है यह सभी पेशे से शिकारी बताए जा रहे हैं.

यह सनसनीखेज मामला महाराष्ट्र के सहयाद्री टाइगर रिजर्व Sahyadari Tiger Reserve का है.

जहां गोठाणे के गाभा इलाके में इन आरोपियों ने टूरिस्ट के तौर पर एंट्री ली थी.

इस बेहद घिनौनी वारदात में न केवल इन चारों आरोपियों ने साढ़े चार फीट लंबी मॉनिटर छिपकली के साथ सामूहिक बलात्कार किया बल्कि इस वारदात की मोबाइल फोन में वीडियो रिकॉर्डिंग भी की है.

सीसीटीवी से पकड़ में आये आरोपी

सांगली फॉरेस्ट रिजर्व में तैनात वन अधिकारियों ने सीसीटीवी फुटेज की सहायता से इन आरोपियों की पहचान की. जिसके बाद इन सभी चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

इन आरोपियों की पहचान संदीप तुकरम, पवार मंगेश, जनार्दन कामटेकर और अक्षय सुनील के रूप में हुई है.

महाराष्ट्र का वन विभाग इन आरोपियों के मोबाइल फोन की जांच कर रहा है जिसमें मॉनिटर छिपकली के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार की वीडियो रिकॉर्डिंग है.

आरोपियों से वन अधिकारियों ने दो पिस्टल और दो मोटरसाइकिल भी बरामद की हैं.

क्या है बंगाल मॉनिटर छिपकली ?

गौरतलब है कि बंगाल मॉनिटर छिपकली एक बड़े आकार की छिपकली होती है.

जो भारतीय उपमहाद्वीप के साथ ही दक्षिण पूर्व एशिया और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों में पाई जाती हैं.

यह छिपकली वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत एक आरक्षित जाती है.

हो सकती है सख्त क़ानूनी कार्रवाई

भारतीय वन्यजीव संरक्षण संशोधित अधिनियम 2002 के तहत यदि आरोपियों पर दोष न्यायालय में सिद्ध हो जाते हैं तो इस अधिनियम के तहत आरोपियों को न्यूनतम 3 साल से लेकर अधिकतम 7 साल की सजा और ₹25000 जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

इस मामले में पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है.

इसके साथ ही भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत भी कार्रवाई की जा सकती है जिसमें दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को 10 वर्ष की सजा से लेकर अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है.

Gangrape With Monitor Lizard

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