
ग्राफिक एरा के वैज्ञानिकों ने ग्रीन टी से फंगल रोधी दवा तैयार करने में कामयाबी हासिल की है. केंद्र सरकार ने इस नई खोज का पेटेंट ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के नाम दर्ज किया है.
* ग्राफिक एरा के वैज्ञानिकों ने तैयार की ग्रीन टी से फंगल रोधी दवा
* बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के वैज्ञानिकों ने खोजा यह नया फार्मूला
* केंद्र सरकार ने इस पेटेंट को ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के नाम दर्ज किया
* इस फॉर्मूले से जीव- कैंडिडा के कारण होने वाले रोगों का इलाज संभव
* 20 वर्षों के लिए ग्राफिक एरा को मिला यह पेटेंट
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प्रियंका प्रताप सिंह
देहरादून: ग्राफिक एरा में टाइडफाइड को डायगनोस करने की नई तकनीक की खोज और गन्ने के रस से मैम्ब्रेन बनाने जैसे अनेक आविष्कारों के बाद यह एक और ऐसी उपलब्धि है जिसका पेटेंट यूनिवर्सिटी को मिला है।
ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी के बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के वैज्ञानिकों ने यह नया फार्मूला खोजा है।
यह नई खोज करने वाली वैज्ञानिकों की टीम में डॉ जिगिशा आनंद, डॉ निशांत राय और डॉ आशीष थपलियाल शामिल हैं।
कैंडिडा से होने वाले रोगों का इलाज संभव
डॉ. जिगिशा आनंद ने बताया कि इस फार्मूले के जरिये मानव शरीर में मौजूद रहने वाले अति सूक्ष्म जीव- कैंडिडा के कारण होने वाले रोगों का इलाज संभव है.
कैंडिडा की वजह से शरीर के विभिन्न हिस्सों में फंगल इंफेक्शन हो जाता है. इसके उपचार के लिए एंटी फंगल दवाएं उपयोग में लाई जाती हैं.
एंटी फंगल दवाओं की डोज अधिक होने के कारण शरीर में प्रतिरोध क्षमता में कमी, सांस लेने में परेशानी, उल्टी, दर्द, हाइपर टेंशन जैसी समस्याएं सामने आने की संभावना बढ़ जाती है.
ग्रीन टी में मौजूद कैटकीन्स के साथ बहुत कम मात्रा एंटी फंगल दवा और धातु आयनों की सूक्ष्म मात्रा को मिलाकर यह नया फार्मूला तैयार किया गया है.
डॉ. निशांत राय ने बताया कि इस फार्मूले से एंटी फंगल दवाओं के मुकाबले बहुत तेजी और प्रभावी ढंग से कैंडिडा की वजह से होने वाले रोगों से निपटा जा सकता है.
उन्होंने बताया कि कैंडिडा का संक्रमण सामान्य: नवजात शिशुओं, बुजुर्गों, महिलाओं, एंटीबायोटिक दवाओं की ज्यादा मात्रा लेने वालों, अंग प्रत्यारोपण कराने वालों को होता है.
आमतौर से इस्तेमाल की जाने वाली एंटीबायोटिक दवाओं के विरूद्ध कैंडिडा में प्रतिरोध क्षमता विकसित हो जाती है, इस वजह से पारंपरिक उपचार अप्रभावी होने लगता है.
नया फार्मूला कैंडिडा विरोधी कई अवयवों को मिलाकर बनाया गया है, इसलिए यह अधिक प्रभावी होने के साथ ही सुरक्षित भी है। इस फार्मूले में ग्रीन टी का उपयोग होने के कारण उसमें मौजूद पॉलीफेनोल्स कैटकीन्स स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं और इनमें कैंसर विरोधी गुण विद्यमान हैं.
डॉ कमल घनशाला ने दी बधाई
ग्राफिक एरा ग्रुप के अध्यक्ष डॉ कमल घनशाला ने इस बड़ी खोज पर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए इसे दुनिया के लिए बहुत उपयोगी बताया.
कुलपति डॉ एच एन नागराजा ने बताया कि तमाम प्रयोगों और एक लम्बी प्रक्रिया के बाद यह कामयाबी मिली है.
वर्ष 2014 में इस खोज का पेटेंट कराने के लिए आवेदन किया गया था.
बीस वर्षों के लिए विश्वविद्यालय को यह पेटेंट दिया गया है.