देहरादून डीएम ने ऐतिहासिक ‘नून’ नदी से जलभरकर ‘‘अग्रेजी नमक कानून’’ तोड़ने को दोहराया
Dehradun DM reiterated breaking of "English Salt Law" by collecting water from historic "Noon" river

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने गांधी जयंती के अवसर पर ऐतिहासिक ‘खारा खेत’ में एक अनूठा कदम उठाया।
उन्होंने ‘नून’ नदी से जल लेकर नमक बनाया, जिससे अंग्रेजी काल के नमक कानून को तोड़ने की याद ताजा हो गई।
उन्होंने इस जल को गाँधी स्मारक पर अर्पित किया
स्वतंत्रता संग्राम की विरासत को किया जीवंत
इस कार्यक्रम के माध्यम से जिलाधिकारी ने 1930 के नमक सत्याग्रह को याद किया,
जब देहरादून के स्वतंत्रता सेनानियों ने इसी स्थान पर अंग्रेजों के नमक कानून का विरोध किया था।
“नमक कानून” तोड़कर बनाया और बेचा गया था ‘नमक’
देहरादून के खाराखेत में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने 1930 को ‘नून’ नदी के पानी से नमक बनाकर अंग्रेजों की नीतियों के विरुद्ध आवाज उठाई थी।
जिलाधिकारी ने उस स्थान का भी निरीक्षण किया
जहां पर स्वतंत्रता सग्राम सैनानियों ने नमक बनाया था,
जिलाधिकारी ने ‘नून’ नदी से जलभरकर स्वतत्रंता आन्दोलन की याद दिलाई।
जिलाधिकारी ने कहा कि देहरादून, जो अपने प्राकृतिक सौंदर्य के साथ-साथ ऐतिहासिक विरासतों के लिए भी पहचाना जाता है,
इसी क्रम में आज हम एक महत्वपूर्ण विरासत स्थल पर एकत्रित हुए हैं।
‘खारा खेत’ में वर्ष 1930 में देहरादून के स्वतंत्रता सेनानियों ने स्थानीय ‘नदी’ में नमक बनाकर अंग्रेजों के नमक कानून का विरोध किया
और उस नमक को देहरादून के ‘टाउन हॉल’ में विक्रय किया।
पर्यटन की दृष्टि से होगा विकसित
जिलाधिकारी ने कहा कि ऐतिहासिक स्थलों का संवर्धन एवं संरक्षण आर्थिक प्रगति के साथ-साथ किया जाना एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।
इस दौरान जिलाधिकारी से स्थानीय लोगों ने खाराखेत में हेरिटेज पर्यटन दृष्टिकोण से विकसित करने की मांग की
जिलाधिकारी ने उनकी मांग पर उक्त स्थल पर बैठने, संवाद हेतु निर्माण एवं जल संयोजन हेतु मोके पर स्वीकृति दी है।
कार्यक्रम का समापन नून नदी से जल लाकर गांधी पार्क में स्थित गांधी जी के स्मारक में समर्पित किया।
कार्यक्रम के दौरान चिकित्सा विभाग द्वारा कार्यक्रम स्थल पर स्वास्थ्य जांच कैंप लगाया गया था
जिसमें उपस्थित लगभग 200 बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
हिमालयन ट्रेडिशनल फ़ूड को किया प्रमोट
इस अवसर पर पर्वतीय क्षेत्र के व्यंजनों को प्रमोट कर रहे बूढ़ दादी, हिमालयन ट्रेडिशनल फ़ूड द्वारा मोटे अनाज मँडुवा से बने व्यंजन ढिंढका, झंगोरे से बनी बिरंजी एवं मसूर की दाल से बने व्यंजन बड़ील कार्यक्रम में उपस्थित लोगो को सर्व किये गए।
जिलाधिकारी के कहा कि पर्वतीय क्षेत्र के पारम्परिक व्यंजनों पर काम करने वाले लोगों को विभिन्न सरकारी कार्यक्रम में बढावा दिया जाएगा।
उपस्थित सभी लोगों बच्चों,अधिकारियों, कार्मिकों को पहाड़ी नाश्ता कराया।
इस दौरान जिलाधिकारी ने मालू के पत्तों पर पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद चखा,
उन्होंने मालू के बेल अधिक से अधिक लगाने को कहा ताकि प्राकृतिक रूप बने प्लेट आदि का उपयोग कर पर्यावरण सरंक्षण की दिशा में सहयोग पूर्वक आगे बढा जा सके।
ये रहे प्रमुख रूप से उपस्थित
इस अवसर पर पर्यावरण विशेषज्ञ पदमश्री कल्याण सिंह रावत, मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, मुख्य विकास अधिकारी डॉ संजय जैन, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ निधि रावत, विरासत विशेषज्ञ डॉ लोकेश ओहरी, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, स्थानीय ग्राम प्रधान कार्यक्रम में स्थानीय ग्राम समुदाय, बीटीडीटी,अक्शी पर्वतीय विकास समिति, पहाड़ी पेडलर्स, न्यू विजन, सेर सलीका,जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग इत्यादि द्वारा भारी संख्या में प्रतिभाग किया गया।