
गजराज बिष्ट को मनाने की जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सौंपी गई थी जो आज उनके घर पर पहुंचे जहां पूरी बातचीत के बाद गजराज बिष्ट निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन वापस लेने को राजी हो गए हैं
वेब मीडिया के विश्वसनीय नाम
यूके तेज से जुड़ने के लिए
व्हाट्सएप करें 8077062107
रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’
देहरादून :उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में अपने ही पार्टी के बागी उम्मीदवारों से जूझ रही भारतीय जनता पार्टी ने एक-एक कर बागियों को साधने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है
उत्तराखंड की कालाढूंगी सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करने वाले मंडी परिषद के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता रहे गजराज बिष्ट को आखिरकार पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मना ही लिया है
प्राप्त जानकारी के अनुसार गजराज बिष्ट कल अपना नामांकन वापस ले लेंगे
इससे पूर्व गजराज बिष्ट ने भाजपा प्रत्याशी बंशीधर भगत की कार्यशैली पर उंगली उठाते हुए कहा था कि वह बताएं कि 10 साल में उन्होंने कालाढूंगी के लिए कौन सा बड़ा काम किया है
उन्होंने कहा था कि वह 2007 से लगातार उन्हें आश्वासन भर ही मिलते रहे हैं पिछले 2017 के विधानसभा चुनाव में भी उन्हें कहा गया कि यह बंशीधर भगत का आखिरी चुनाव है जिस पर वह शांत हो गए थे
गजराज बिष्ट ने पिछले 34 साल से भाजपा के लिए काम करने का हवाला दिया था
गजराज बिष्ट ने 2013 की केदारनाथ आपदा के दौरान बीजेपी के द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा को सबसे भ्रष्ट नेता बताने का मुद्दा भी उठाया
उन्होंने कहा कि कई बार मंचों से बीजेपी द्वारा विजय बहुगुणा को राज्य का सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी बताया गया लेकिन अब भाजपा पार्टी में आने के बाद वही विजय बहुगुणा कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पाठ सिखा रहे हैं