उत्तराखंड में “हिट एंड रन” कानून को लेकर परिवहन संघों और सरकार की बैठक रही बेनतीजा

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : देहरादून में आयोजित हुई बैठक
मोटर वाहनों द्वारा हिट एंड रन के मामलों के संबंध में भारतीय न्याय संहिता में प्रस्तावित सजा के प्रावधान पर
उत्तराखंड प्रदेश के परिवहन व्यवसाईयों द्वारा की जा रही हड़ताल के संबंध में आज सचिव परिवहन की अध्यक्षता में उत्तराखंड प्रदेश के महत्वपूर्ण परिवहन संघों के पदाधिकारी के साथ एक बैठक आयोजित की गई
परिवहन संघों ने गिनाये ये बड़े कारण
बैठक में परिवहन संघों के पदाधिकारी द्वारा भारतीय न्याय संहिता की धारा 104 में हिट एंड रन के मामलों में प्रस्तावित 10 साल की सजा तथा जुर्माने का विरोध किया गया
परिवहन व्यवसायियों का कहना था कि वाहन दुर्घटनाओं के अनेक कारण हैं जिनमें
► गड्ढों से युक्त,खराब सड़क
► चौराहों का उपयुक्त ना होना
► निजी वाहन के चालकों का अप्रशिक्षित
होना आदि सम्मिलित हैं
► कोई भी चालक किसी भी दशा में जानबूझकर कोई दुर्घटना कारित नहीं करता है
► इसलिए इस प्रकार की कठोर सजा का प्रावधान करना न्याय संगत नहीं है
► परिवहन व्यवसाईयों का कहना था कि दुर्घटना की दशा में कई बार छोटे वाहन चालक की अथवा पैदल यात्री की भी गलती होती है
► ऐसी दशा में भी यदि बड़े वाहन का चालक दुर्घटना स्थल पर रुकेगा
तो उसे भीड़ की हिंसा का शिकार होने का भय रहता है
► इसलिए सामान्यतः वाहन चालक दुर्घटना के पश्चात दुर्घटना स्थल से भाग जाने के लिए विवश हो जाते हैं
परिवहन सचिव ने क्या कहा
बैठक में सचिव परिवहन अरविंद सिंह हयांकी ने परिवहन व्यवसायियों को अवगत कराया कि
► भारतीय न्याय संहिता के प्रश्नगत प्रस्ताव के बारे में अभी ना तो अधिसूचना जारी हुई है और ना ही उसे लागू किया गया है
इसके अलावा सचिव परिवहन ने कहा कि उत्तराखंड के परिवहन व्यवसाईयों में
► अपनी बात को संविधान और कानून सम्मत तरीके से उचित फोरम तक पहुंचाने की स्वस्थ परंपरा विद्यमान रही है
इसलिए यदि प्रस्तावित कानून पर परिवहन व्यवसाईयों द्वारा अथवा चालकों को किसी प्रकार की आपत्ति अथवा भ्रम की स्थिति है तो
► वह कानून के दायरे में रहते हुए प्रतीकात्मक तरीके से अपना पक्ष रख सकते हैं
जिसे भारत सरकार तक शीघ्र पहुंचाया जाएगा
परिवहन व्यवसाय जन सरोकारों से जुड़ा हुआ व्यवसाय है
► इसलिए इस व्यवसाय के प्रभावित होने से न केवल लोगों को आवागमन में आज सुविधा उत्पन्न होती है
बल्कि आवश्यक सामग्रियों की आपूर्ति भी प्रभावित हो जाती है
► इसलिए परिवहन व्यवसाईयों को वाहनों का संचालन निर्बाध रूप से जारी रखते हुए ही अपना पक्ष रखना चाहिए
हड़ताल में शामिल न होने वाले संगठन
उत्तराखंड परिवहन निगम से संबंधित संघों सहित कुछ परिवहन संघों द्वारा परिवहन सचिव को अवगत कराया गया कि
वह इस हड़ताल में सम्मिलित नहीं है
परंतु उनके संगठनों से जुड़े वाहनों को कुछ अन्य चालकों द्वारा संचालित करने में बाधा उत्पन्न की जा रही है
इस संबंध में परिवहन संघों को आश्वासन दिया गया कि जो परिवहन व्यवसाय अपने वहां का संचालन करना चाहते हैं उन्हें आवश्यकता अनुसार पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाएगी
और किसी भी व्यक्ति को कानून अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी
इस संबंध में समस्त जिलों के जिला अधिकारी तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और पुलिस अधीक्षक को निर्देश जारी कर दिए गए हैं
पेट्रोल डीजल गैस इत्यादि की आपूर्ति के संबंध में सचिव परिवहन द्वारा तेल गैस कंपनियों के प्रबंधकों को आपूर्ति निर्वाण बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं
बैठक में ये रहे प्रमुख रूप से शामिल
सचिव मुख्यमंत्री तथा कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पांडे,
पुलिस उपमहानिरीक्षक कानून व्यवस्था पी रेणुका देवी ,
प्रबंध निदेशक उत्तराखंड परिवहन निगम आनंद श्रीवास्तव ,
संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह ,
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून अजय सिंह
के अतिरिक्त विभिन्न परिवहन संघों की ओर से
सूर्यकांत धस्माना संरक्षक उत्तराखंड परिवहन निगम कर्मचारी परिषद, जितेंद्र सिंह नेगी अध्यक्ष टीजीएमओयू अनुसूया प्रसाद उनियाल ,
आदर्श सैनी सम्राट ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ,हरेंद्र बालियान ,देव भूमि ट्रक आपरेटर एसोसिएशन ,सुधीर राय अध्यक्ष उत्तराखंड परिवहन महासंघ ,मनोज ध्यानी , यातायात कंपनी ऋषिकेश ,दिनेश बहुगुणा अध्यक्ष गढ़वाल ट्रक यूनियन ऋषिकेश, अशोक चौधरी महामंत्री उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी यूनिय,न दिनेश महामंत्री रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तराखंड आदि सम्मिलित हुए