
देहरादून,19 मार्च 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : एक किसान की शिकायत पर मिल प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है.
मुख्य गन्ना प्रबंधक की रिपोर्ट के अनुसार, गन्ना क्रय केंद्र के एक तौल लिपिक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
आरोप है कि उन्होंने किसान के गन्ने की तौल के बाद रसीद देने से इनकार कर दिया था.
मामले की जांच के लिए जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है,
जिन्हें एक सप्ताह के भीतर आरोप पत्र तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं
किसान ने लगाया गन्ना तौल में धोखाधड़ी का आरोप
सुखबीर सिंह, निवासी रूड़की, ने सीएम हेल्पलाइन पर 13 मार्च 2025 को शिकायत दर्ज कराई.
किसान ने आरोप लगाया कि मिल के गन्ना क्रय केंद्र पर 8 फरवरी 2025 को उन्होंने मिल प्रतिनिधि सतेंद्र के पास 19.5 कुंतल गन्ना तुलवाया था.
सतेंद्र ने उन्हें बाद में रसीद देने का वादा किया
लेकिन कुछ समय बाद रसीद देने से इनकार कर दिया
तौल लिपिक ने किए नियमों का उल्लंघन
जांच में पाया गया कि वाह्य क्रय केंद्रों पर तैनात तौल लिपिकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे
कि वे इंडेंट से अधिक ऑफलाइन गन्ना तौल नहीं करेंगे
इसके बावजूद सतेंद्र पाल सिंह, तौल लिपिक (सामयिक) ने निजी स्वार्थ, कपट और चोरी की नीयत से यह कार्य किया,
जिससे मिल की छवि धूमिल हुई
निलंबन और जांच के आदेश
मामले की गंभीरता को देखते हुए सतेंद्र पाल सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है
और उन्हें मुख्य रसायनज्ञ के नियंत्रण में निर्माण विभाग से संबद्ध किया गया है
मामले की जांच के लिए आशुतोष अग्निहोत्री, निर्माण रसायनज्ञ को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है
उन्हें एक सप्ताह के भीतर आरोप पत्र तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.
निलंबन अवधि में कर्मचारी को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा.
अनुशासनात्मक कार्रवाई का आधार
कर्मचारी के कृत्य को मिल में लागू स्थाई आदेश की धारा (ड) 1(क), 1(ग), 1(ट) एवं 1(भ) के अंतर्गत गंभीर अवचार की श्रेणी में रखा गया है.
इन आरोपों में वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश का जानबूझकर उल्लंघन, कारखाने के कारोबार में चोरी/कपट की नीयत से काम करना, कार्यों में गंभीर असावधानी बरतना और मिल के अनुशासन के विपरीत कार्य करना शामिल है.