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( इंटरनेशनल क्राइम ) 250 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला,”पावर बैंक” नामक एप्प से 15 दिन में रुपये डबल करने का लालच

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( PRIYANKA SAINI )

देहरादून : उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने लगभग 250 करोड़ रुपए की धनराशि की धोखाधड़ी के मामले का खुलासा किया है।

पत्रकारों को जानकारी प्रदान करते हुए उत्तराखंड पुलिस ने बताया कि विदेशी व्यापार भारत के बैंक खातों के माध्यम से ऑनलाइन धोखाधड़ी कर रहे थे।

यह आम जनता को गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद पावर बैंक नामक एप्प के माध्यम से पैसे दोगुना करने का लालच देते थे।इस अंतरराष्ट्रीय ठगी गिरोह का एक सदस्य गिरफ्तार किया गया है।

पूरे मामले में कुछ फर्जी कंपनियों की मिलीभगत भी सामने आई है।

किसकी शिकायत पर हुई जांच :—

जिला हरिद्वार के श्यामपुर में रहने वाले रोहित कुमार और कनखल के राहुल कुमार गोयल ने साइबर क्राइम पुलिस को शिकायत की कि उनके दोस्त के द्वारा उन्हें बताया गया की पावर बैंक नामक ऐप के माध्यम से पैसे इन्वेस्ट करने पर 15 दिन में दोगुने हो जाते हैं।

जिसके बाद रोहित और राहुल ने अलग-अलग तिथियों में क्रमशः 91,200/- (इकानब्बे हजार दो सौ) एवं 73,000/- (तिहत्तर हजार) रुपये जमा कराएं। इनकी शिकायत पर मुकदमा दर्ज हुआ है।

जांच में ये हुआ खुलासा :—

इस मामले में RAZORPAY एवं PAYU के माध्यम से पैसा ICICI बैंक के खाते तथा पेटीएम बैंक में स्थानान्तिरित कराये गये ।

यह भी पता चला कि प्रतिदिन करोड़ो का लेन देन उक्त बैंक खातो में किया जाता है ।

साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन द्वारा इन खातो का तकनीकी विश्लेषण करने पर देखा गया कि पेटीएम बैंक का खाता प्रमुख संदिग्ध खाता है जिसका संचालन पवन कुमार पाण्डेय निवासी नोयडा उ0प्र0 के द्वारा किया जा रहा है ।

यह भी सामने आया है कि यह पावर बैंक एप फरवरी 2021 से 12 मई 2021 तक संचालन मे रही जिसमें साइबर थाने द्वारा वित्तीय लेनदेन का अध्ययन किया गया तो विभिन्न खातो में करीब 250 करोड़ धनराशि की धोखाधड़ी प्रकाश मे आयी तथा अनुमानित और भी अधिक धनराशि की धोखाधड़ी सम्भावित है ।
गौरतलब है कि इस एप को संभावित 50 लाख लोगो द्वारा पूरे भारतर्ष में डाउनलोड किया गया है ।

ऐसे फैला है अंतर्राष्ट्रीय जाल :—

कुछ विदेशी Businessman भारत में कुछ निवेशको से दोस्ती कर उनको भारत में विभिन्न व्यापार के नाम पर अपने साथ कमीशन देने के नाम पर जोड़ते है। इसी क्रम में इस अभियोग में प्रकाश मे आया कि इस प्रकार विभिन्न ऑनलाईन एप पूर्व में लोन प्रदान करती थी।

अब अपराध के तरीके मे बदलाव कर ये लोगो का विश्वास जीतकर रिचार्ज एवं पैसा दोगुना करने का प्रलोभन देकर धनराशि निवेश करवाते है ।

भारत के नागरिको के ही बैंक खाते और उनके मोबाईल नम्बर का प्रयोग किया जाता है। प्रारम्भ मे कुछ व्यक्तियों को पैसे वापस भी किये जाते है जिससे सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार से इनका यह अन्तराष्ट्रीय संगठित अपराध पूरे देश मे पैर पसार सके ।

प्रतिदिन करोड़ो धनराशि एक खाते से दूसरे खाते और उसके आगे विभिन्न खातो में स्थानान्तरित कराकर पुलिस को भ्रमित करने का प्रयास करते है ।

अपराध में प्रयोग बैंक खाते विभिन्न फर्जी कम्पनियों के नाम से Registrar of Companies (ROC) में पंजीकृत है।

इसी प्रकार 25 एप जो संदिग्ध कार्य मे लगी है उनकी सूची प्राप्त हुयी है।

यह भी पाया गया कि इस धनराशि को क्रिप्टो करेंसी मे बदलकर यह विदेश राष्ट्रो मे भेजी जा रही है, जहा इसको स्थानीय मुद्रा में परिवर्तित कर दिया जाता है ।

इस प्रकार भारत के पैसे को अन्य राष्ट्र की मुद्रा मे परिवर्तित करने का एक बहुत बड़ा संगठित अन्तराष्ट्रीय गिरोह चल रहा है, और इस प्रकार इसके अपराध का तरीका प्रकाश मे आ चुका है ।

इस तरह के प्रकरण में 20 अन्य शिकायते भी प्राप्त हुयी है जिनका परीक्षण किया जा रहा है ।

गिरफ्तार अभियुक्तः-
1. पवन कुमार पाण्डेय पुत्र बनवारी पाण्डये निवासी सी-7 एचआईजी फ्लैट, ग्रीन व्यू अपार्डमेंट सैक्टर 99 नोयडा उ0प्र0।

बरामदगीः-
1- 19 लैपटॉप ।
2- 592 सिम कार्ड ।
3- 05 मोबाइल फोन विभिन्न कम्पनियों के
4- 04 ए0टी0एम0 कार्ड ।
5- 01 पासपोर्ट

गिरफ्तारी टीमः-
एसटीएफ टीम

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