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Big Decision Ayushman Yojana : कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य विभाग के डायलसिस सेंटर पर 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति सहित कईं महत्वपूर्ण निर्णय

Many important decisions including 100 percent reimbursement on dialysis center of Health Department taken in cabinet meeting

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कई अहम फैसलों पर मुहर लगी।

स्वास्थ्य सचिव डाॅ आर राजेश कुमार ने अवगत कराया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के प्रयासों से स्वास्थ्य सेवाओं को राज्य के अंतिम छोर तक बेहत्तर बनाने के प्रयास लगातार जारी हैं।

Big decision on Atal Ayushman Yojana

अटल आयुष्मान योजना पर बड़ा फैसला

इसी कड़ी में आज कैबिनेट बैठक में देश और प्रदेश में आम जनमानस की लाईफ लाइन कही जाने वाली अटल आयुष्मान योजना को लेकर बड़ा फैसला हुआ।

इससे हजारों लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।

इसके तहत Ayushman Bharat Atal Ayushman आयुष्मान भारत अटल आयुष्मान योजनान्तर्गत राजकीय चिकित्सालयों द्वारा लाभार्थियों को उपलब्ध करायी गयी चिकित्सा उपचार सुविधा के सापेक्ष चिकित्सालयों को प्रदान की जाने वाली क्लेम धनराशि पैकेज की दरों का 100 प्रतिशत अंश का भुगतान करने को लेकर किया गया।

Health Secretary dr R Rajesh Kumar स्वास्थ्य सचिव डाॅ आर राजेश कुमार ने अवगत कराया कि 14 सितम्बर, 2018 के प्रस्तर 2.8 में राजकीय चिकित्सालयों द्वारा अर्जित क्लेम धनराशि का विभाजन किया गया है।

उक्त शासनादेश में विहित व्यवस्था में क्लेम धनराशि के 50 प्रतिशत अंश का भुगतान राजकीय चिकित्सालयों को किये जाने का प्राविधान है।

इस व्यवस्था के कारण डायलिसिस केन्द्रों को आयुष्मान भारत अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के अन्तर्गत किये गये उपचार के बीजकों के भुगतान में आ रही व्यवहारिक दिक्कतों के समाधान हेतु संशोधन के लिए आज मंत्रिमण्डल द्वारा सहमति प्रदान कर दी गयी है।

इससे राजकीय चिकित्सालयों मे पी०पी०पी० मोड पर संचालित डायलिसिस केन्द्रों के संबंधित सेवा प्रदाताओं को पैकेज की दरों का 100 प्रतिशत भुगतान होगा और लाभार्थियों को डायलिसिस की सेवा निर्बाध रूप से प्राप्त होगी।

लॉन्ग टर्म लीज पर निजी सेवाप्रदाता द्वारा संचालन

इसके साथ ही स्वास्थ्य सचिव डाॅ आर राजेश कुमार ने अवगत कराया कि इन्वेस्टर समिट के दौरान इन्वेस्टेबल प्रोजेक्ट के रूप में चिन्हित स्वास्थ्य इकाइयों को दीर्घकालिक लीज पर निजी सेवाप्रदाता द्वारा संचालन किये जाने पर भी आज कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है।

पीपीपी मोड़ में संचालन पर सहमति

इन हॉस्पिटल का किया जाना है संचालन

► देहरादून के हर्रावाला क्षेत्र में 300 बैड के कैंसर चिकित्सालय और

► हरिद्वार जनपद में स्थित 200 बैड के मातृ एवं शिशु चिकित्सालय, चैन राय महिला चिकित्सालय

को पीपीपी मोड पर देने के लिए मंत्रिमंडल ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है।

स्वास्थ्य सचिव ने कहा इन चिकित्सालयों को पीपीपी मोड पर देने से उपकरण क्रय, मानव संसाधन योजन तथा संचालन पर होने वाले व्यय की बचत होगी।

साथ ही क्षेत्रीय जनता को गुणवत्तापरक विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधायें तथा निदान की सुविधा प्राप्त होगी।

अभी तक यह सुविधायें क्षेत्र में उपलब्ध नहीं है।

स्वास्थ्य सचिव डाॅ आर राजेश कुमार ने कहा 300 बैड के कैंसर चिकित्सालय हर्रावाला, देहरादून का निर्माण एन०एच०एम० के माध्यम से भारत सरकार तथा राज्य सरकार (90 अनुपात 10) के सम्मिलित वित्तीय के सहयोग से कुल 20403.49 स्क्वायर मीटर पर रू० 106.84 करोड़ की लागत से किया गया है।

इसके साथ ही 200 बैड के मातृ एवं शिशु चिकित्सालय, चैन राय महिला चिकित्सालय परिसर, जनपद-हरिद्वार का निर्माण एन०एच०एम० के माध्यम से भारत सरकार तथा राज्य सरकार (90 अनुपात 10) के सम्मिलित वित्तीय के सहयोग से कुल 17341.42 स्क्वायर मीटर पर रू0 38.85 करोड़ की लागत से किया गया है।

स्वास्थ्य सचिव ने कहा इन दोनों संस्थानों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा निदान हेतु संवेदनशील उपकरण क्रय एवं संचालन हेतु आवश्यक तकनीकि दक्षता के दृष्टिगत उक्त दोनों चिकित्सा संस्थान उपयुक्त निजी सेवाप्रदाता द्वारा दीर्घकालिक संचालन हेतु प्रस्तावित किये जा रहे हैं।

इन चिकित्सालयों के संचालन से आमजन को कैंसर से सम्बन्धित समस्त जाँच, परामर्श, रोडियोथेरेपी, कीमोथेरेपी तथा अन्य उच्च स्तरीय निदान, जिसमें शल्य क्रिया भी सम्मिलित है, सुलभ हो जायेगी तथा इस प्रकार की सेवाओं हेतु आमजन को प्रदेश से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं होगी।

इसी प्रकार मातृ एवं शिशु चिकित्सालय के संचालन से न केवल उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होगी अपितु मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को भी कम करने में सहायता मिलेगी।

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