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मानसिक रोग की अनदेखी हो सकती है घातक,हिमालयन हॉस्पिटल में बताये गये लक्षण और उपचार

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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’

देहरादून : विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में जागरुकता अभियान चलाया गया। इस दौरान ओपीडी में आने वाले मरीजों को मानसिक रोग के लक्ष्ण व बचाव के विषय में जानकारी दी गयी।

सोमवार को मनोचिकित्सा विभाग व हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग की ओर से ओपीडी में आने वाले मरीजों के साथ अन्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य से सबंधित रोग की जानकारी दी गयी।

मनोचिकित्सक डॉ. प्रियरंजन अविनाश व डॉ. ग्रेस मैडोना सिंह ने कहा कि वर्तमान में कई कारणों के चलते लोग डिप्रेशन या अन्य मानसिक बीमारियों से ग्रसित हो रहे। कई बार यह रोग इतना अधिक बढ़ जाता है कि रोगी को आत्महत्या के ख्याल आने लगते हैं।

मानासिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरुक बढ़ाने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है। कहा कि शारीरिक रूप से बीमार व्यक्ति को पता होता है कि वह बीमार है परन्तु मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति को कई बार पता ही नहीं चलता है कि वह खुद इस बीमारी से पीड़ित है।

उन्होंने कहा कि यदि कोई व्यक्ति उदास रहता है, दोस्तों, परिवार से अलग रहता है, मूड का बार-बार बदलना, असामान्य बर्ताव करना, घबराहट या डर लगना जैसे लक्ष्ण दिखें तो ऐसे में मनोचिकित्सक की सहायता लेनी चाहिए।

कई बार मानासिक रोग की अनदेखी घातक हो जाती है।

डॉ. रोबिन विक्टर ने कहा कि मानसिक रोगी के साथ सामान्य बर्ताव करना चाहिए। मानसिक रोग से पीड़ित लोगों की मदद करने के साथ उनका ख्याल रखना चाहिए प्रतिवर्ष मानसिक स्वास्थ्य दिवस के लिए एक थीम रखी जाती है।

इस बार मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को सभी के लिए वैश्विक प्राथमिकता बनाए थीम पर पूरे विश्व में कायक्रम आयोजित किये जायेंगे।

इस अवसर पर नर्सिंग कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से लोगों को जागरूक किया। डॉ. राबिन विक्टर, डॉ. रचित, डॉ. ध्रुविका, डॉ. ट्विंकल, जे. मनोरंजिनी, संध्या, कृष्ण मोहन, नीलम, कविता आदि उपस्थित थे।

वहीं दूसरी ओर नैदानिक मनोविज्ञान विभाग और क्लीनिकल योग ओपीडी की ओर से विस्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए मानसिक स्वास्थ्य से सम्बंधित समस्याओं को कैसे सुलझाया जाये विषय पर पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया । विभागध्यक्ष डॉ मालिनी श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों की तरफ से पूछे गए पश्नों के जवाब में बताया की प्रोफेशनल कॉलेज के विद्यार्थियों के ऊपर पढाई का इतना प्रेशर होता है।

पढाई के प्रेशर के साथ जीवन में बहुत ज्यादा तनाव रहता है इस तनाव से बचने और जीवन में आगे बढ़ने के लिए हमें अपनी दैनिक दिनचर्या को व्यवस्थित करना पड़ेगा और थोड़ा समय अपने आप को अपने को समझने में लगाना होगा ।

डॉ. मालिनी ने ये भी बताया की संस्थान के संस्थापक डॉ स्वामी राम का कहना था की आधुनिक शिक्षा हमें कैसे बात करना है, कैसे बैठना है , और कैसे चलना है यह नहीं सिखाती है, इन आधारभूत बातों के बिना आज की शिक्षा अधूरी है और इसलिए विद्याथियों के जीवन में अवसाद,चिंता और समायोजन की समस्या आती है।

पैनल डिस्कसन में डॉ. अश्वनी पुंडीर ने माइंडफुलनेस,डॉ. अनुजा परिहार ने विद्यार्थियों को पढाई की हर चीज को सरल कर के समझने, क्लिनिकल योग ओपीडी से डॉ. अन्विता सिंह ने विद्यार्थियों को योग और ध्यान को तनाव काम करने का मुख्य साधन बताया।

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