किसानों की चेतावनी,गन्ना मूल्य घोषित नही तो डोईवाला शुगर मिल पेराई सत्र उद्घाटन पर होगा विरोध

उत्तराखंड सरकार के द्वारा अभी तक गन्ना मूल्य घोषित ने किये जाने को लेकर डोईवाला के स्थानीय किसानों में जबरदस्त आक्रोश है
संयुक्त किसान मोर्चे के द्वारा इस विषय पर विचार-मंथन कर पेराई सत्र उद्घाटन के अवसर पर विरोध-प्रदर्शन की रणनीति तय की गयी है
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प्रियंका प्रताप सिंह
देहरादून : मिल गेट पर होगा धरना
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा एक बैठक की गयी जिसमें कहा गया कि यदि राज्य सरकार द्वारा 22 नवम्बर तक गन्ना मूल्य घोषित नहीं किया जाता है
तो संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा मिल गेट पर धरना देते हुए पेराई सत्र उद्घाटन के लिए आने वाले सरकार के प्रतिनिधि का विरोध किया जाएगा
गन्ना सोसाईटी के किसान सभागार में आयोजित हुई बैठक
डोईवाला गन्ना सोसाईटी के किसान सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए संयुक्त किसान मोर्चे के अध्यक्ष ताजेन्द्र सिंह ताज ने कहा कि कल मोदी सरकार द्वारा तीन काले कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है जिसका किसान मोर्चा स्वागत करता है
परन्तु सरकार द्वारा सिर्फ घोषणा की गयी है जब तक संसद से कानून वापस नहीं लिये जाते तब तक घोषणा का कोई मतलब नहीं होता है ।
बैठक का संचालन करते हुए बलबीर सिंह ने कहा कि मोदी ने अचानक गुरुपर्व के शुभावसर पर कानून वापस लेने की जो घोषणा की है शायद इनको अपनी गलती का अहसास हुआ है
लेकिन खेद इस बात का है कि लगभग 800 किसान आंदोलन में शहीद हो चुके जिनके लिए प्रधानमंत्री के मुंह से एक भी शब्द उनकी श्रद्धांजलि स्वरूप नही निकला ।
बैठक को किसान सभा जिला संयुक्त सचिव याक़ूब अली एवं संगठन के वरिष्ठ नेता ज़ाहिद अंजुम ने संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने वह कानून वापस लिया जो किसानो पर जबर्दस्ती थोपा था
और वह भी इसलिए कि आने वाले पांच राज्यों के चुनाव में उनको इन काले कानूनों के चलते अपनी हैसियत का अंदाजा लग चुका था क्योंकि अभी हुए उप चुनाव में हिमाचल सहित उत्तर भारत के राज्यों के उप चुनाव में इसकी झलक देखने को मिली ।
22 नवम्बर को होगा गन्ना मिल उद्घाटन
डोईवाला गन्ना मिल के वर्तमान पेराई सत्र का 22 नवम्बर को उद्घाटन होने जा रहा है परंतु प्रदेश सरकार द्वारा अभी तक गन्ने के रेट की घोषणा नही की
जिसको लेकर किसान संगठन 22 नवम्बर को 450₹ प्रति कुन्तल गन्ने के रेट की घोषणा किये जाने की मांग को लेकर डोईवाला के मिल गेट पर धरना देते हुए पेराई सत्र उदघाटन के लिए आने वाले सरकार के प्रतिनिधि का विरोध करेंगे ।
बैठक को किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह खालसा और गुरदीप सिंह प्रधान ने संबोधित करते हुए लखीमपुर में किसानों की शहादत के जिम्मेदार गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी व गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग की हैं
कृषक फेडरेशन के नेता उमेद बोरा ने कहा कि मोदी को अगर ये कृषि कानून गलत लग रहे थे तो सैकड़ो किसानों की शहादत के बाद ही कानून क्यों वापस लिए ? समय रहते सरकार यदि ये कानून वापस ले लेती तो सैकड़ों किसानों की शहादत को बचाया जा सकता था
उन्होंने 22 नवंबर को क्षेत्र के किसानो से सुबह 9.30 बजे गन्ना मिल गेट पर अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने की अपील की ।
बैठक को किसान नेता मोहित उनियाल व हाजी अमीर हसन ने सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कानून वापस लेने की घोषणा तो कर दी परन्तु किसानों के सामने अभी एमएसपी की कानूनी गारण्टी, बिजली संशोधन बिल 2020 तथा श्रमिक कानून में किये गए बदलाव को वापस लेने जैसे मुद्दे अभी बाकी है इसलिए ये किसानों का आंदोलन अभी खत्म नही होगा ।
बैठक को शमशेर सिंह कन्याल, सरजीत सिंह, गुरदीप सिंह, कमल अरोड़ा, मुहम्मद हनीफ, सुरेन्द्र सिंह राणा आदि ने भी सम्बोधित किया
बैठक में ये रहे उपस्थित
बैठक में संयुक्त किसान मोर्चे के अध्यक्ष ताजेन्द्र सिंह ताज, बलबीर सिंह,कृषक फेडरेशन नेता उमेद बोरा,भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह खालसा,मोहित उनियाल,हाजी अमीर हसन,किसान सभा जिला संयुक्त सचिव याक़ूब अली,संगठन के वरिष्ठ नेता ज़ाहिद अंजुम
शमशेर सिंह कन्याल, सरजीत सिंह, गुरदीप सिंह, कमल अरोड़ा, मुहम्मद हनीफ, सुरेन्द्र सिंह राणा,जरनैल सिंह, गुरदीप सिंह, अब्दुर्रहमान, बिरेन्द्र कुमार, मकसूद हसन, संजय शर्मा, नवाबुद्दीन,
सुनील दत्त, गुरमेल सिंह, आरिफ अली, कुतबुद्दीन, गुरपाल सिंह, हरबंश सिंह, इलियास अली, जसबीर सिंह,सुखविंदर सिंह, करेशन सिंह, नरेंद्र सिंह , सरजीत सिंह आदि किसान मुख्य रूप से उपस्थित हुए ।