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कोविड मरीजों को निशुल्क उपचार ना देने पर देहरादून के 4 सूचीबद्ध हॉस्पिटल को दंडात्मक कार्यवाही की चेतावनी

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देहरादून : उत्तराखंड में कोविड संक्रमित मरीजों को आयुष्मान भारत योजना(PMJAY),

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना (AAUY) और

राज्य सरकार स्वास्थ्य योजना (SGHS) के तहत सूचीबद्ध चिकित्सालयों

द्वारा निशुल्क उपचार नहीं दिए जाने के लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण

द्वारा दंडात्मक कार्यवाही अमल में लाई गई है।

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया ने आज इस

विषय पर एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किए हैं।

जिसमें ऐसे सभी चिकित्सालय के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए

जो कोविड संक्रमित मरीजों को निर्धारित प्रोटोकॉल के

अनुसार निशुल्क एवं कैशलेस उपचार नहीं दे रहे हैं।

श्री कोटिया द्वारा योजना के लाभार्थियों के कॉविड संक्रमित होने के

दौरान सूचीबद्ध चिकित्सालय को आयुष्मान कार्ड प्रस्तुत करने के बावजूद

भी उनसे निशुल्क उपचार देने के स्थान पर

पैसे लिए जाने की घटनाओं पर खेद व्यक्त किया गया है।

ज्ञातव्य है कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा अपील के माध्यम से भी

सूचीबद्ध चिकित्सालय को कोविड-19 के मरीजों को निर्धारित प्रोटोकॉल

के तहत मुफ्त (कैशलेस) उपचार दिये जाने की अपेक्षा की गई है।

इन निर्देशों का पालन नहीं किए जाने की दशा में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण

द्वारा जारी गाइडलाइन के अंतर्गत चिकित्सालय की सूचीबद्धता

समाप्त किए जाने के साथ ही क्लीनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट तथा

आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं उत्तराखंड एपिडेमिक डिजीज,

कोविड-19 रेगुलेशन 2020 तथा एपिडेमिक डिजीज एक्ट

के अंतर्गत कार्यवाही किए जाने का प्रावधान है।

प्राधिकरण को प्राप्त शिकायतों के आधार पर निदेशक

हॉस्पिटल मैनेजमेंट डॉक्टर ए के गोयल द्वारा जनपद

देहरादून के चार चिकित्सालय श्री महंत इंद्रेश हॉस्पिटल,

कालिंदी हॉस्पिटल,सीएमआई हॉस्पिटल एवं

वेलमेड हॉस्पिटल देहरादून को दंडात्मक कार्यवाही

करने हेतु चेतावनी पत्र जारी किए गए हैं।

पत्र के माध्यम से चिकित्सालय को स्पष्ट किया गया है कि इसके उपरांत

भी यदि चिकित्सालय द्वारा आयुष्मान कार्ड धारकों को प्रोटोकॉल के

तहत मुफ्त कैशलेस उपचार नहीं दिया जाता है तो संबंधित

चिकित्सालय के विरुद्ध कठोर कार्यवाही अमल में लाई जाएगी

जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधन की होगी।

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