
सटीक और विश्वसनीय न्यूज़ के लिए
“यूके तेज़” से जुड़े
व्हाट्सअप करे 8077062107
( Priyanka Saini )
देहरादून :डोबरा-चांठी पुल के बाद त्रिवेन्द्र सरकार ने ऐसे प्रोजेक्ट
का काम पूरा कर लिया है जो बीते ढाई दशकों (26 वर्ष) से अटका हुआ था।
बद्रीनाथ धाम की यात्रा में नासूर बने ‘लामबगड़ स्लाइड जोन’ का स्थायी ट्रीटमेंट कर लिया है।
500 मीटर लम्बे स्लाइड जोन का ट्रीटमेंट 107 करोड़ की लागत से किया गया है।
अब बद्रीनाथ धाम की यात्रा निर्बाध हो सकेगी,
जिससे तीर्थयात्रियों को परेशानियों से निजात मिलेगी।
जनपद चमोली में 26 साल पहले ऋषिकेश-बद्रीनाथ नेशनल हाईवे पर पाण्डुकेश्वर के
पास लामबगड़ में पहाड़ के दरकने से स्लाड जोन बन गया।
हल्की सी बारिश में ही पहाड़ से भारी मलवा सड़क पर आ जाने से
हर साल बद्रीनाथ धाम की यात्रा अक्सर बाधित होने लगी।
लगभग 500 मीटर लम्बा यह जोन यात्रा के लिए नासूर बन गया।
पिछले ढाई दशकों में इस स्थान पर खासकर बरसात के दिनों मे
कई वाहनों के मलवे में दबने के साथ ही कई लोगों की दर्दनाक मौत हो गई।
करोड़ों खर्च होने पर भी इस समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा था।
पूर्व मे जब लामबगड़ में बैराज का निर्माण किया जा रहा था,
तब जेपी कंपनी ने इस स्थान सुरंग निर्माण का प्रस्ताव रखा
लेकिन उस वक्त यह सड़क बीआरओ के अधीन थी
और बीआरओ ने भी सुरंग बनाने के लिए हामी भर दी थी।
दोनों के एस्टीमेट कास्ट मे बड़ा अंतर होने के कारण मामला अधर मे लटक गया था।
इसके बाद वर्ष 2013 की भीषण आपदा में लामबगड
स्लाइड जोन में हाईवे का नामोनिशां मिट गया।
तब सडक परिवहन मंत्रालय ने लामबगड स्लाइड जोन
के स्थाई ट्रीटमेंट की जिम्मेदारी एनएच पीडब्लूडी को दी।
एनएच से विदेशी कम्पनी मैकाफेरी नामक कंपनी ने यह कार्य लिया।
फॉरेस्ट क्लीयरेंस समेत तमाम अड़चनों की वजह से ट्रीटमेंट का यह काम धीमा पड़ता गया।
वर्ष 2017 में त्रिवेन्द्र सरकार के सत्ता में आते ही
ये तमाम अड़चनें मिशन मोड में दूर की गईं
और दिसम्बर 2018 में प्रोजेक्ट का काम युद्धस्तर पर शुरू हुआ।
महज दो वर्ष में अब यह ट्रीटमेंट पूरा हो चुका है।
अगले 10 दिन के भीतर इसे जनता के लिए समर्पित कर दिया जाएगा।