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डोईवाला के लाल तप्पड़ में कंपनी के खिलाफ श्रमिकों का जोरदार विरोध-प्रदर्शन

Workers staged a strong protest against the company at Lal Tappad in Doiwala.

देहरादून,14 अक्टूबर 2025 : डोईवाला के लाल तप्पड़ औद्योगिक क्षेत्र में स्थित यूरेका कंपनी के कर्मचारियों ने आज अपनी विभिन्न मांगों को लेकर कंपनी प्रबंधन के खिलाफ ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया.

श्रमिक नेता और सभासद संदीप नेगी के नेतृत्व में श्रमिकों ने कंपनी के बाहर धरना दिया और जमकर नारेबाजी की.

श्रम कानून के उल्लंघन का आरोप

सभासद संदीप नेगी ने आरोप लगाया है कि यूरेका कंपनी का प्रबंधन श्रम कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन कर रहा है,

जिससे कंपनी में कार्यरत लगभग 450 से अधिक श्रमिक पीड़ित हैं

श्रम कानून के मुताबिक वेतन नही

श्री नेगी का कहना है कि श्रमिकों को लेबर कानून के अनुसार कुशल, अर्ध-कुशल और अकुशल श्रेणी के अनुसार वेतन दिया जाना चाहिए.

इसके विपरीत, कंपनी उन्हें केवल हेल्पर का वेतन दे रही है.

जबरन छुट्टी का आरोप

श्रमिक नेता संदीप नेगी ने कहा कि श्रमिकों को हर माह लगभग 4 से 5 दिन के लिए जबरन छुट्टी पर भेज दिया जाता है.

जिससे उनका आर्थिक और मानसिक उत्पीड़न हो रहा है.

बोनस में कटौती

श्री नेगी ने आरोप लगाया कि पूर्व में कंपनी द्वारा दिया जाने वाला 20% का बोनस घटाकर अब 8.33% कर दिया गया है

इंसेंटिव देना किया बंद

श्री नेगी ने कहा की पूर्व में कंपनी के द्वारा टारगेट से अधिक उत्पादन करने पर श्रमिकों को दिया जाने वाला प्रोडक्शन इंसेंटिव बंद कर दिया गया है.

पहले 1000 यूनिट से अधिक उत्पादन करने पर कर्मचारियों को लगभग ₹1000 तक का इंसेंटिव मिलता था.

कंपनी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन

श्रमिकों ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने अपनी मांगों और श्रम कानून के अनुसार वेतन की बात उठाई, तो कंपनी प्रबंधन ने उनका उत्पीड़न शुरू कर दिया.

सुबह 9 बजे की ड्यूटी होने पर भी श्रमिकों को 8:45 बजे ही गेट पर रोक दिया जाता था,

जिससे उनका मानसिक उत्पीड़न हुआ.

कंपनी प्रबंधन को 15 दिन का अल्टीमेटम

आरोप के अनुसार आज सुबह जब श्रमिकों को कंपनी के गेट के बाहर जबरन रोका गया,

तो उन्होंने संदीप नेगी और भारतीय जनता युवा मोर्चा के नेता भारत मनचंदा के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया और धरने पर बैठ गए.

इसके बाद, श्रमिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने कंपनी प्रबंधन से वार्ता की.

कंपनी प्रबंधन ने इस संबंध में अपने मुंबई स्थित मुख्य कार्यालय से बातचीत कर समाधान निकालने की बात कही है.

श्रमिक प्रतिनिधिमंडल ने कंपनी को समस्या के निराकरण के लिए 15 दिन का समय दिया है

यदि इस अवधि में कोई हल नहीं निकलता है, तो श्रमिकों ने बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

गौरतलब है कि श्रमिकों ने पूर्व में अपनी मांगों को लेकर सहायक श्रम आयुक्त, ऋषिकेश और उप जिला अधिकारी कार्यालय, डोईवाला में भी ज्ञापन दिया था, लेकिन कोई हल नहीं निकल सका था.

 

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