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वीडियो : डोईवाला के स्कूल की 2 छात्रायें बोर्ड एग्जाम से वंचित,अभिभावकों का हंगामा,पुलिस में दी FIR

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : उत्तराखंड बोर्ड के द्वारा आयोजित परीक्षा में आज डोईवाला के एक स्कूल की दो छात्रायें परीक्षा से वंचित रह गयी जिससे अभिभावक बेहद परेशान हैं

अभिभावकों के द्वारा इस मामले में स्कूल प्रबंधक के खिलाफ डोईवाला कोतवाली में FIR दर्ज करायी गयी है

कहां का है मामला

यह मामला डोईवाला के खैरी-द्वितीय गांव का है

यहां पर न्यू एरा चिल्ड्रन एकडेमी है

जिसे ममतोष गैरोला नाम के व्यक्ति के द्वारा विगत लगभग 4 वर्षों से संचालित किया जा रहा है

इस स्कूल में उत्तराखंड बोर्ड का पाठ्यक्रम लागू है

यह एक प्राइवेट स्कूल है जिसमें लगभग 100 छात्र अध्ययनरत हैं

क्या है मामला ?

जानकारी के मुताबिक आज उत्तराखंड बोर्ड की हाई स्कूल की परीक्षा हैं

न्यू एरा चिल्ड्रन एकेडेमी की हाई स्कूल में दो छात्रायें हैं

जो आज इस परीक्षा में बैठने से वंचित रह गयी

क्या है कारण ?

(1) अभिभावक के अनुसार

एक छात्रा के अभिभावक सरदार गुरविंदर सिंह ने यूके तेज से बात करते हुए बताया कि

उनकी बिटिया ने इस स्कूल में 9 वीं क्लास में एडमिशन लिया था

एडमिशन के वक़्त हमने स्कूल की 10 वीं की मान्यता के बारे में पूछा था

तब इन्होने मान्यता बतायी थी जबकि इनकी मान्यता नही है

(2) स्कूल संचालक/प्रिंसिपल के अनुसार

यूके तेज से बात करते हुये न्यू एरा चिल्ड्रन एकेडेमी के प्रिंसिपल ममतोष गैरोला ने बताया कि उनके स्कूल की 10 वीं की मान्यता है

बिना मान्यता के स्कूल कैसे चलाया जा सकता है

श्री गैरोला ने बताया कि छात्रा की उपस्थिति मानक से कम होने के कारण एडमिट कार्ड इशू नही हो पाया है

होनहार बालिकाओं के भविष्य का सवाल

सामाजिक कार्यकर्त्ता और किसान नेता गुरविंदर सिंह बॉबी ने  बताया कि इस स्कूल में अध्ययनरत छात्रा बहोत होनहार है

वह बिना कोचिंग,ट्यूशन के स्वयं पढ़ाई करती है

यदि स्कूल की मान्यता नही है तो ऐसे में इन बच्चियों के 2 साल खराब होने की आशंका है

डोईवाला कोतवाली में दी FIR

आज इस मामले में अभिभावकों के द्वारा संयुक्त रूप से डोईवाला कोतवाली में प्राथमिक सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करायी गयी है

जिसमें स्कूल प्रबंधन के द्वारा अभिभावकों को स्कूल मान्यता को लेकर गुमराह करने का आरोप लगाया गया है

कहा गया कि स्कूल प्रबंधक द्वारा झूठ बोलकर और धोखाधड़ी से फीस और अन्य खर्चे लिए गए हैं

जिससे बच्चों के भविष्य के साथ ही अभिभावकों को मानसिक और आर्थिक क्षति पहुंची है

 

 

 

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