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होली पर रंग,गुलाल खेलते वक़्त बरते ये ख़ास सावधानियां,एम्स ने जारी की एडवाइजरी

Take these special precautions while playing colors and gulal on Holi, AIIMS issued advisory

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : होली पर इन दिनों बाजार में केमिकल वाले रंगों की भरमार है।

ऐसे रंग आपकी आंखों और त्वचा, दोनों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

इसके अलावा इनसे अस्थमा और एलर्जी की शिकायत भी हो सकती है।

All India Institute of Medical Sciences अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश ने होली पर स्वास्थ्य एडवाईजरी जारी कर सलाह दी है कि, होली खेलते समय अपने स्वास्थ्य के प्रति विशेष सावधानी बरतें।

आंखों का रखें विशेष खयाल–

AIIMS,Rishikesh एम्स ऋषिकेश में नेत्र रोग विभाग Opthalmology Department के विभागाध्यक्ष व चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. संजीव कुमार मित्तल ने बताया कि होली पर अपनी आंखों की देखभाल करना न भूलें।

होली के अगले दिन कई लोग आंखों में जलन, दर्द और रोशनी कम होने की शिकायत लेकर आते हैं।

डाॅ. मित्तल ने बताया कि आंखों की सुरक्षा के लिए प्रत्येक व्यक्ति को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

कोशिश करें कि रंगों के छींटें आंखों में न जायं, इसके लिए धूप का चश्मा या सुरक्षात्मक गूगल का उपयोग करना चाहिए।

आंखों में रंग का पाउडर गिरने से बचाने के लिए टोपी पहनी जा सकती है।

उन्होंने ने बताया कि होली खेलते समय हमेशा Natural and Herbal Color प्राकृतिक और हर्बल रंगों का उपयोग करना फायदेमंन्द रहता है।

ये रंग आंखों के लिए Less Harmful कम हानिकारक होते हैं।

उन्होंनें बताया कि यदि रंग आंखों में चला जाय तो आंखों को तुरंन्त साफ पानी से धोएं और उन्हें रगड़ने की गलती कतई न करें।

बिना नेत्र रोग विशेषज्ञ की सलाह के स्वयं अपने स्तर से दवा न लें।

केमिकल रंगों से खराब हो सकती है चेहरे की त्वचा–

Dermatology Department Head त्वचा रोग विभाग के हेड डाॅ. नवीन कुमार कन्सल ने बताया कि रासायनिक रंगों के इस्तेमाल से चेहरे पर जलन की समस्या हो जाती है।

यह केमिकल वाले रंग मुंह में जाने से Asthama and Allergy अस्थमा व एलर्जी की शिकायत के साथ-साथ चेहरा खराब भी हो सकता है।

उन्होंने बताया कि नकली और केमिकल युक्त रंगों के उपयोग से चेहरे में जगह-जगह दाने निकलना, खुजली होना, त्वचा का लाल हो जाना व त्वचा में जलन पैदा होने की समस्या हो जाती है।

यदि एलर्जी ठीक हो भी जाय तो त्वचा में लंबे समय तक निशान बने रह जाते हैं।

इसलिए सावधानी बरतते हुए प्राकृतिक रंगों से ही होली खेलें और बिना चिकित्सकीय सलाह के कोई भी क्रीम या दवा का उपयोग न करें।

त्वचा रोग विशेषज्ञ डाॅ. रीति भाटिया ने बताया कि आजकल बाजार में ज्यादातर जो रंग उपलब्ध हैं

उनमें रसायनों,Mercury पारा, Silicaसिलिका,Mica अभ्रक और Lead सीसे का मिश्रण होता है।

इस प्रकार के रंगों से चेहरे के साथ खुले हुए अंगों को बचाने के लिए Coconut Oil नारियल या सरसों का तेल लगाना लाभकारी होता है।

स्किन पर जब ये तेल अच्छी तरह लगाए जाते हैं तो इस पर रंग आसानी से नहीं चढ़ता है और हमारी त्वचा को सीधा नुकसान नहीं होता है।

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