उत्तराखंड में सड़क सुरक्षा पर “सख्त कदम”, हेलमेट,सीटबेल्ट,ड्रोन कैमरे और “फेसलेस चालान सिस्टम” होगा लागू
"Strict measures" on road safety, helmets, seat belts, drone cameras and "faceless challan system" will be implemented in Uttarakhand.
देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : राज्य में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कई अहम फैसले लिए हैं। इनमें दोपहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट और चार पहिया वाहनों में सभी सवारियों के लिए सीटबेल्ट के नियम को सख्ती से लागू करना शामिल है।
ये हैं मुख्य बिंदु :
पूरी तरह से फेसलेस चालान प्रणाली:
इसका मतलब है कि अब ट्रैफिक उल्लंघन करने वालों को मौके पर चालान नहीं दिया जाएगा, बल्कि उन्हें एसएमएस या ईमेल के माध्यम से चालान प्राप्त होगा।
एएनपीआर कैमरे और ड्रोन कैमरे:
पूरे राज्य में सड़क किनारे और शहरों में एएनपीआर ANPR (Automatic Number Plate Recognition) System कैमरे लगाए जाएंगे।
ये कैमरे वाहनों की गति और नंबर प्लेट को ट्रैक कर सकेंगे और उल्लंघन करने वालों की पहचान कर सकेंगे।
ड्रोन कैमरों का उपयोग यातायात की निगरानी और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों का प्रबंधन करने के लिए किया जाएगा।
स्कूलों में सड़क सुरक्षा शिक्षा:
सप्ताह में एक दिन स्कूलों में बच्चों को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक किया जाएगा।
ट्रैफिक सिग्नल का उन्नयन:
सभी ट्रैफिक सिग्नल को एएनपीआर और आरएलवीडी सिस्टम से जोड़ा जाएगा, जिससे वे वाहनों की गति और नंबर प्लेट के आधार पर समय पर बदल सकेंगे।
आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल:
हाई-टेक मोटरबाइक, कैमरों के साथ राडार स्पीड साइन बोर्ड, डिजिटल स्पीड साइन बोर्ड, वेरिएबल मेसेज डिस्पले बोर्ड, बॉडी-वॉर्न कैमरे, एल्कोमीटर/ब्रीथ एनालाइजर और पोर्टेबल साउंड सिस्टम जैसे आधुनिक उपकरणों का उपयोग किया जाएगा।
सोशल मीडिया का उपयोग:
सड़क सुरक्षा और यातायात जागरूकता के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए सोशल मीडिया का व्यापक रूप से उपयोग किया जाएगा।
सुरक्षा कार्यों के लिए बजट में वृद्धि:
लोक निर्माण विभाग को क्रैश बैरियर लगाने, रोड डेलीनेटर और कैट आई लगाने, ब्लैक स्पॉट पर सुधार करने, पैरापिट और कॉशनरी साइन बोर्ड लगाने और रोड मार्किंग करने के लिए धन आवंटित किया जाएगा।
हिट एंड रन और गुड समेरिटन को प्रोत्साहन:
हिट एंड रन मामलों की जांच के लिए विशेष अभियान चलाए जाएंगे और गुड समेरिटन योजना के तहत उन लोगों को पुरस्कृत किया जाएगा जो दुर्घटना पीड़ितों की मदद करते हैं।
वैज्ञानिक गति सीमा निर्धारण:
राज्य की सड़कों पर गति सीमा को वैज्ञानिक तरीके से निर्धारित किया जाएगा।
इन कदमों का उद्देश्य उत्तराखंड की सड़कों को सुरक्षित बनाना और सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और चोटों की संख्या को कम करना है।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि:
• पिछले वर्ष 67 गुड समेरिटन को 10 लाख रुपये की धनराशि प्रदान की गई थी।
• वर्ष 2024-26 के लिए Good Samaritan Scheme गुड समेरिटन योजना के तहत 10 लाख रुपये की धनराशि प्रस्तावित है।
•उत्तराखंड पुलिस विभागीय गुड समरिटन्स पुरस्कार योजना भी चला रहा है, जिसके तहत सड़क दुर्घटना पीड़ितों की मदद करने वाले लोगों को नगद पुरस्कार और प्रशंसा पत्र दिए जाते हैं।