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डोईवाला के दुधली में श्रद्धा,आस्था और परंपरा के साथ मनाया सातु-आठू त्यौहार

Sattu-Aathu festival celebrated with devotion, faith and tradition in Dudhli of Doiwala

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : डोईवाला के दुधली में श्रद्धा,आस्था और परंपरा के साथ सातु-आठू त्यौहार मनाया गया

जिसमें भगवान शिव और माँ पार्वती की उत्तराखंड की परंपराओं के अनुसार विधि-विधान से पूजा की गयी

स्थानीय निवासी ललित पंत ने जानकारी देते हुए बताया कि सातु आठू कुमाऊँ का प्रसिध्द त्यौहार है

जिसे डोईवाला के दूधली में परंपरा और धूमधाम से मनाया जाता है

गाँव की सभी युवतियां और महिलाएं गौरा और महेश (शिव और पार्वती) को पूजती हैं.

ललित पंत ने बताया कि गौरा और महेश की जिन आकृतियों की पूजा की जाती है उन्हें गमार या गवांर कहा जाता है,

ये गवांरे खेतों में बोई गयी फसलों – सूं, धान, तिल, मक्का, मडुवा, भट आदि – से बनायीं गयी मानव आकृतियां होते हैं.

गौरा को सजाया जाता है, उनको साड़ी, पिछौड़ा, चूडियाँ, बिंदी और वह पूरा श्रृंगार कराया जाता है जो एक शादीशुदा महिला करती है.

महेश को भी पुरुषों का परिधान पहनाया जाता है, कुर्ता, पजामा और ऊपर से शॉल.

दोनों को मुकुट भी पहनाये जाते हैं

इसके तहत शिव पार्वती जी को गौरा महेश्वर के रूप में माना जाता है जिन्हें आज कैलाश की तरफ विदा करके समापन किया गया

इस त्यौहार में काफी संख्या में क्षेत्रवासी सम्मिलित होते है महिलाओं की इस त्यौहार में विशेष रुप से रुचि होती है

इस अवसर पर प्रमुख रूप से ललित पंत ,दामोदर जोशी ,रामदत पांडे,चंद्रकांत जोशी ,सूरेश पाण्डे, भुवन चन्द्र पन्त, अभय धामी , नन्दा देवी , भावना जोशी ,दीपा धामी, गोरी धामी ,ललिता जोशी ,बिमला पाण्डे आदि सम्मिलित हुये

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