पौड़ी : आज जहां शादियां एक स्टेटस सिंबल बन चुकी हैं जिन पर लाइट डेकोरेशन से लेकर ज्वेलरी पर लाखों-करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं वहीं आज लैंसडौन (जहरीखाल) में संत निरंकारी मिशन की प्रेरणा और तत्त्वाधान में एक जोड़े ने बेहद सादगी के साथ ब्याह रचाकर अपने नव-दांपत्य जीवन की शुरुआत की।
निरंकारी मिशन के पारम्परिक तौर से ‘जयमाला’ एवम ‘सांझा हार’ हुआ।
संगीत के बीच पवित्र मंत्र स्वरूप निरंकारी लांवा पढ़ी गई।
विवाह के साक्षी सैकड़ों लोगों ने इसकी खूब सराहना की एवम पुष्प बरसा कर जोड़े को आशीर्वाद दिया।
निरंकारी मिशन के पौड़ी के संयोजक महात्मा निरपेष तिवारी ने कहा कि दुल्हन बहु के रूप में नहीं बेटी के रूप में ससुराल जाए।
सास-ससुर की माता-पिता, ननद-देवर को भाई के रूप में सम्मान दे।
इस उपलक्ष में यहां ब्रांच मुखी जहरिखाल शुभाश जी, अजय,प्रिया, विनोद कोटला जी, संभू प्रसाद जी, ब्रांच मुखी हल्दू खाता सतेंद्र सिंह बिष्ट आदि मौजूद थे।