Dehradun

“गूगल ज्ञान नहीं,भागवत कथा है मोक्ष का मार्ग” डोईवाला में शुरू हुई भागवत कथा,कलश यात्रा ने मोहा मन”

"Google is not knowledge, Bhagwat Katha is the path to salvation" Bhagwat Katha started in Doiwala, Kalash Yatra fascinated the mind.

 

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : डोईवाला में श्री राधे कृष्णा आनंद धाम चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा का भव्य शुभारंभ हुआ। कथा से पूर्व, श्रद्धालुओं ने उत्साह और भक्तिभाव के साथ एक विशाल कलश यात्रा निकाली।

ढोल और नगाड़ों की थाप पर कलश यात्रा

कलश यात्रा का प्रारंभ कथा स्थल साई काम्प्लेक्स, ऋषिकेश रोड से हुआ यात्रा ढोल और नगाड़ों की थाप पर नृत्य करते हुए नगर के मुख्य मार्गों से होकर गुजरी।

श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता था।

यात्रा नगर चौक होते हुए अंततः कथा स्थल पर समाप्त हुई, जहाँ भक्तों ने पूरे विधि-विधान से कलशों की स्थापना की।

कई जन्मों के पापों का नाश

कथा के प्रथम दिन, प्रख्यात कथावाचक आदित्यानंद महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा का श्रावण कराया।

उन्होंने अपने प्रवचन में कहा, “श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण मात्र एक जन्म के नहीं, अपितु कई जन्मों के पापों का नाश करता है। साथ ही, यह हमारे शुभ कर्मों का उदय करता है।”

उन्होंने जोर देकर कहा कि कथा श्रवण से जीव जन्म और मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है।

महाराज जी ने आगे बताया, “श्रीमद् भागवत अमृत रूपी मोक्ष दायिनी है और वेदों का सार है।

ज्ञान से बड़ी और पवित्र कोई दूसरी वस्तु नहीं है।”

गूगल के ज्ञान को महत्व

उन्होंने वर्तमान समय की चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला।

“आज के भौतिक युग में लोग ज्ञान की बजाय गूगल के ज्ञान को महत्व दे रहे हैं, जो हमारी संस्कृति और परंपराओं को चोट पहुंचा रहा है।”

कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। सभी ने भक्तिभाव से कथा श्रवण किया और आदित्यानंद महाराज के विचारों को ध्यान से सुना। आने वाले दिनों में कथा के और भी रोचक प्रसंगों की चर्चा होने की उम्मीद है।

इस आयोजन ने एक बार फिर साबित किया कि भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराएँ आज भी लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं।

श्रीमद् भागवत कथा जैसे आयोजन न केवल आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि समाज को एकजुट करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

कथा श्रवण करने वालों में राजेंद्र वर्मा, राजेश सिंगारी, अजय कुमार, नीरज गुप्ता, मिथिलेश कुमार, अंजनी कुमार, प्रबल सिंह, मंजुला,  राजेश्वरी, सुनहरी देवी, कांता देवी,, गुड़िया, मीना, माही, मंजू देवी, प्रीतम, निशा, सुदेश धीमान, बिमला वर्मा, माया देवी आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।

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