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“फॉरेंसिक नर्स का मूल्यांकन बन सकता है कोर्ट में सबूत”,हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग सेमिनार में बोले एक्सपर्ट

"Evaluation of forensic nurse can become evidence in court", seminar organized in Himalayan College of Nursing.

 

देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : Himalayan College of Nursing हिमालयन कॉलेज ऑफ नर्सिंग (एचसीएन) जौलीग्रांट में हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के सहयोग से एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया।

इसमें वक्ताओं ने चिकित्सा देखभाल व कानूनी प्रणाली में फोरेंसिक नर्सों की भूमिका पर चर्चा की।

स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जौलीग्रांट के भगीरथी नर्सिंग सभागार में आयोजित सेमिनार का शुभारंभ संस्थापक डॉ. स्वामी के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्जवलित कर किया गया।

मुख्य वक्ता यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज दिल्ली के फोरेंसिक मेडिसिन के प्रोफेसर डॉ. श्रीनिवास ने कहा कि चिकित्सा देखभाल और कानूनी प्रणाली के बीच की दूरी को कम करने में फोरेंसिक नर्सों की भूमिका महत्वपूर्ण है।

फोरेंसिक नर्स उन रोगियों की देखभाल करने में एक्सपर्ट होती है, जो हिंसा, दुर्व्यवहार, यौन उत्पीड़न, मानव तस्करी और अन्य अपराधों से पीड़ित होते हैं।

पंजीकृत नर्सों के रूप में, फोरेंसिक नर्सें अपने मरीजों का आकलन और देखभाल करने के लिए साक्ष्य-आधारित अभ्यास और आघात-सूचित संचार का उपयोग करती हैं।

फोरेंसिक नर्स द्वारा पूरा किया गया मरीज का मूल्यांकन अदालत में सबूत बन सकता है और इसमें नर्स के नोट्स, ली गई तस्वीरें, एकत्र किए गए नमूने और पीड़ित द्वारा प्रदान की गई जानकारी शामिल है।

आयोजन समिति अध्यक्ष व नर्सिंग कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. संचिता पुगाजंडी ने बताया कि सेमिनार फॉरेंसिक नर्सः एम्पावर्ड केयरगिवर की थीम पर आयोजित किया गया।

उन्होंने साक्ष्य संग्रह, संकट हस्तक्षेप प्रबंधन, शारीरिक और मानसिक आघात का सामना करने वाले रोगियों के लिए विशेष चिकित्सा देखभाल में फॉरेंसिक नर्सों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।

एम्स ऋषिकेश के फोरेंसिक विशेषज्ञ डॉ. आशीष भूटे, एचआईएमएस से डॉ. प्रज्ञा त्रिपाठी ने व्याख्यान दिया।

इसके अतिरिक्त डॉ. ग्रेस मैडोना सिंह प्रीति प्रभा ने परामर्श तकनीकों पर फोरेंसिक नर्सों के कार्य से अवगत कराया।

इससे पूर्व आयोजन सचिव डॉ. राजेश कुमार शर्मा ने सभी प्रतिभागियों और वक्ताओं का स्वागत किया और भारत में फोरेंसिक नर्सों के महत्व को रेखांकित किया।

इस दौरान सह-अध्यक्ष डॉ. संजॉय दास, वाइस प्रिंसिपल डॉ. कमली प्रकाश, डॉ. कंचन बाला, लक्ष्मी कुमार उपस्थित रहे।

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