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जीने की उम्मीद छोड़ चुके हबीब को हिमालयन हॉस्पिटल की कैंसर और प्लास्टिक सर्जन टीम ने दिया नया जीवन

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देहरादून : एक ओर कोरोना महामारी के चलते बंद रोजगार की मार

और दूसरी तरफ आँख के कैंसर की तकलीफ ने तो

जैसे हबीब से उसकी जिंदगी ही छीन ली हो

लेकिन सफ़ेद कपड़ों में धरती पर भगवान कहलाने वाले

हिमालयन हॉस्पिटल के डॉक्टर ने हबीब को एक नया जीवन देने का काम किया है।

मामला 60 वर्षीय हबीब अहमद का है जो मुंबई की एक बेकरी में काम करता था।

कोरोना महामारी के चलते उसका रोजगार ठप्प हो गया और वो अपने गांव-घर नजीबाबाद लौट आया।

इसी दौरान उसकी पलक के नीचे एक दाना बन गया

जिसकी उसने अपने आस-पास के डॉक्टरों से दवा की लेकिन मर्ज ठीक न हुआ।

अपने रिश्तेदार की सलाह पर हबीब अहमद

हिमालयन हॉस्पिटल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉ. संजय द्विवेदी से मिले।

डॉ द्विवेदी ने जांच में पाया कि निचली पलक का बाहरी आधा हिस्सा सड़ गया और उसे कैंसर है।

आर्थिक रूप से कमजोर हबीब को अपनी जिंदगी खत्म दिखने लगी।

लेकिन डॉ द्विवेदी ने उसका ढांढस बंधाते हुए न घबराने की सलाह दी।

कैंसर यूनिट में डाॅ. अंशिका अरोड़ा व प्लास्टिक सर्जन डाॅ. संजय द्विवेदी की टीम ने मिलकर रोगी की सर्जरी की गई।

अस्पताल में 3 दिन रूकने के बाद हबीब को छुट्टी दे दी गई।

डाॅ. संजय द्विवेदी ने बताया कि सर्जरी जटिल इसलिए थी कि हबीब अहमद की आंखों का भी खतरा था।

Habeeb Ahmed

रोगी हबीब अहमद पूर्ण से अब स्वस्थ है

 उसका इलाज आधुनिक विधि से करने के कारण अन्य अस्पतालों की तुलना में खर्चा भी कम आया है।

इस सर्जरी को सफल बनाने में डाॅ. मन्नू राजन, डाॅ, सिरीशा का सहयोग रहा।

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