देहरादून:परवादून बार एसोसिएशन द्वारा साइबर अपराध पर आधारित पुस्तक “साइबर एनकाउंटर्स” का बुक डिस्कशन आयोजित किया गया.
एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी एडवोकेट मनोहर सिंह सैनी के द्वारा इस अवसर पर कार्यक्रम में पधारने पर सभी महानुभावों का स्वागत भाषण द्वारा आभार प्रकट किया गया.
बुक डिस्कशन में डीजीपी अशोक कुमार ,सह लेखक डीआरडीओ साइंटिस्ट ओपी मनोचा रहे
डिस्कशन के मॉडरेटर जर्नलिस्ट रजनीश प्रताप सिंह रहे.
डीजीपी अशोक कुमार ने दिये ये टिप्स
(1) 5 W 1H का करें इस्तेमाल
जब भी आपके पास अंजान नंबर से कोई ऐसा ऑफर आये जिससे आपका संबंध नही है तो आप 5 W 1H का इस्तेमाल करें
कब,कौन, क्यों, कहां, कैसे
आप प्रश्न करें कि बिना खरीदे कोई आपकी लाटरी कैसे लग सकती है ?
इसी प्रकार से अन्य मामलों में भी अगर आप खुद से प्रश्न करके तार्किक रूप से सोचते हैं तो आप इन साइबर क्रिमिनल्स के जाल में फसने से बच सकते हैं
आप खुद से सवाल करें जब कोई ऐसा मैसेज आए कि ब्रिटिश गवर्नमेंट की लॉटरी आपको लग गई है जबकि आपने कभी लॉटरी लगाई ही नहीं
(2) आपके पास मोबाइल है तो आप उसे अपडेटेड रखिए ताकि कोई वायरस आए तो वह प्रोटेक्टेड रहेगा
(3) अपना पासवर्ड सिंपल नहीं रखिए
कईं बार व्यक्ति पासवर्ड अपना बर्थ डेट या बच्चे का बर्थ डेट लगा देते हैं
अपना पासवर्ड रॉबस्ट बनाइए जिसमें लेटर,न्यूमेरिकल,हैश टैग जैसे कैरेक्टर इत्यादि का इस्तेमाल करें जिसे क्रैक करना आसान नहीं होता है
इनके अलावा “साइबर एनकाउंटर्स” बुक में कईं अन्य टिप्स और सुझाव दिये गये हैं.
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रजनीश प्रताप सिंह तेज
क्या कहा पुलिस महानिदेशक ने
अवेयरनेस है उद्देश्य
“साइबर एनकाउंटर्स” के लेखक पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि इस पुस्तक में 12 कहानियां है जिनका उद्देश्य यह बताना है कि
साइबर क्रिमिनल्स की मॉडल ऑपरेंडी क्या है ?
हम किस प्रकार से उनके जाल में फंस जाते हैं
कितना डिफिकल्ट है पुलिस को इसको वर्कआउट करना ?
कैसे हम इस साइबर क्राइम से बचें ?
किताब लिखने का मुख्य उद्देश्य जागरूकता फैलाना है.
और भी चैलेंजिंग है “डीप फेक”
फेक वीडियो का भी अगला रूप है “डीप फेक वीडियो” जिसमें आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस का यूज करके आपकी फोटो का इस प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है कि वीडियो में आप ही दिख रहे होते हैं यह बहुत ही चैलेंजिंग होने वाला है
बन गये हैं साइबर क्राइम के ‘हब’
श्री अशोक कुमार ने कहा कि साइबर क्राइम अपने आप में एक नई चुनौती है आज के समय में साइबर क्राइम के हब बन गए हैं जो बढ़ते ही चले जा रहे हैं.
उन्होंने जामताड़ा का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां कुछ लोग जो कुछ कुछ वर्षों पूर्व कुछ भी नहीं थे उन्होंने साइबर क्राइम के चलते बड़े महलनुमा घर खड़े कर लिए
लेकिन पुलिस के द्वारा उनके विरुद्ध एक बड़ा अभियान छेड़ते हुए व्यापक तौर पर कार्यवाही की गई है.
ये हब शिफ्ट हो रहे हैं.
तो ऐसे लगाते हैं “ट्रैप”
साइबर क्रिमिनल एक दिन में उदाहरण के लिए अगर हजार लोगों को मैसेज भेजते हैं तो उनमें से 5 से 6 व्यक्ति उनके जाल में फंस जाते हैं.
कई बार लापरवाही की वजह से बिना देखे अचानक भी लिंक क्लिक हो जाता है
कई बार एक्सीडेंटली वीडियो भी क्लिक हो जाता है और दूसरी तरफ कोई ऑबसीन वीडियो चल रही होती है आपका स्क्रीनशॉट ले लिया जाता है और फिर ब्लैक मेलिंग की जाती हैं डरने-घबराने की जरुरत नही.
उसके बाद वह कॉल करता है कि मैं आपका वीडियो यूट्यूब पर अपलोड कर दूंगा,तो ऐसे में जब आपने कोई गलत काम किया ही नहीं है तो डरने की घबराने की आवश्यकता नहीं है.
मत डरिए आजकल दुनिया समझने लगी है कि जरूर इसके साथ साइबर फ्रॉड हुआ होगा.
क्या कहा पूर्व न्यायाधीश जस्टिस लोकपाल सिंह ने
नैनीताल उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, जस्टिस लोकपाल ने कहा कि “साइबर एनकाउंटर्स” जन-जागरूकता के लिये बेहद अहम है
यह पुस्तक इतनी दिलचस्प है कि आप इसे एक नॉवेल की तरह पढ़ते ही चले जायें
उन्होंने अपने ऑफिस के जूनियर अधिवक्ता का उदाहरण देते हुये बताया कि उन्हें यह बुक इतनी इंट्रेस्टिंग लगी कि वो इसकी फोटोस्टेट करवाकर पढ़ना चाह रहे है.
जस्टिस लोकपाल सिंह ने कहा कि देश भर के अधिवक्ताओं और लिटिगेंट्स में एक अच्छा जागरूकता का संदेश जाये इसके लिये वह अपने स्तर पर एक कार्यक्रम आयोजित करवाने का प्रयास करेंगें.
क्या कहा उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष ने
यूकेपीएससी के पूर्व अध्यक्ष डॉ डीपी जोशी ने कहा कि सरकारी सेवा के साथ-साथ जिस प्रकार से महत्वपूर्ण मुद्दों पर जागरूकता के लिये पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने पुस्तक लिखी है वह एक अनुकरणीय उदाहरण है
‘साइबर सिक्योरिटी’ और ‘नेशनल सिक्योरिटी’ को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिये.
क्या कहा वाईस चांसलर डॉ राजेश नैथानी ने
हिमालयीय यूनिवर्सिटी के वाईस चांसलर डॉ राजेश नैथानी ने कहा कि आज के समय में मशीन लर्निंग और आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस के आने से अब “वॉइस क्लोनिंग” जैसी चीजें सामने आ रही हैं
आपको पता ही नही चलता कि दूसरी ओर से आपकी ही बेटी मदद मांग रही है या फिर उसकी वॉइस क्लोनिंग करके बात की जा रही है.
क्या कहा सेबी के पूर्व AGM ने
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया के पूर्व एजीएम प्रशांत सैनी ने कहा कि यह पुस्तक अवेयरनेस के दृष्टिकोण से बहोत महत्वपूर्ण है इसकी लेखन शैली बेहद प्रभावशाली है इसे स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किये जाने की आवश्यकता है.
इस अवसर पर क्वेश्चन-आंसर राउंड के दौरान उपस्थित ऑडियंस ने साइबर क्राइम से संबंधित प्रश्न किये जिनका लेखक अशोक कुमार और सह लेखक ओ पी मनोचा के द्वारा जवाब दिया गया.
ये रहे उपस्थित
परवादून बार एसोसिएशन के द्वारा आयोजित पुस्तक-विमर्श कार्यक्रम में बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के कमांडेंट महेश नेगी, सिपेट डायरेक्टर अभिषेक राजवंश, शहीद दुर्गा मल राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ डी.सी.नैनवाल, नगर पालिका परिषद चेयरमैन सुमित्रा मनवाल, चेयरमैन प्रतिनिधि सागर मनवाल, परवादून बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अधिवक्ता सुशील कुमार वर्मा, सह सचिव अशरफ अली, संदीप जोशी, मनीष यादव ,सुरेश चंद्र भट्ट, मोहम्मद जुबेर, विशाल अग्रवाल, महेश लोधी, साकिर हुसैन ,तरन्नुम, मोनिका पटेल ,भव्य चमोला, अब्दुल माजिद, मोइन अहमद, विनोद बगियाल, सुमित,परवादून स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद लोधी, पूर्व ब्लाक प्रमुख नगीना रानी, ग्राफिक एरा यूनिवर्सिटी एसोसिएट प्रोफेसर निष्ठा कोहली वासन, इनकम टैक्स अधिवक्ता एडवोकेट राजीव वासन, आर्यन हॉस्पिटल मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर गजेंद्र नागर, मोचीको शूज प्राइवेट लिमिटेड के एमडी रोमी वासन, पूर्व सैनिक केंद्रीय संगठन के सचिव सरदार जरनैल सिंह, उपाध्यक्ष सुरेश पुंडीर, लायंस क्लब अध्यक्ष दीपांकर बागरी ,व्यापार मंडल अध्यक्ष रमेश वासन, उत्तराखंड राज्य किसान सैनिक एकता मंच के अध्यक्ष सरदार सुरेंद्र राणा ,महासचिव दरपान बोरा, सॉक्ट्रॉनिक्स वेलफेयर सोसाइटी डायरेक्टर हरविंदर सिंह, सभासद हिमांशु राणा, सभासद संदीप नेगी, सभासद प्रदीप नेगी, गन्ना सहकारी समिति के चेयरमैन मनोज नौटियाल, मंदीप बजाज ,देहरादून विमानपत्तन सलाहकार समिति सदस्य रविंद्र बेलवाल, हाशिमी फर्नीचर प्रोपराइटर अफजल अहमद, प्रताप सिंह बिष्ट, गुरजीत सिंह लाडी, पंकज शर्मा, प्रियंका प्रताप सिंह प्रमुख रूप से उपस्थित रहे.