देहरादून में सूखे भूसे इत्यादि के अनावश्यक भण्डारण, कालाबाजारी पर डीएम की तत्काल रोक
आगामी मौसम के मिजाज को देखते हुये देहरादून के जिलाधिकारी ने सूखे चारे को लेकर आवश्यक कदम उठाते हुए इससे संबंधित प्रतिबंध लगाये हैं.
> पशुओं को हो सकती है चारे की समस्या
> वर्षा ने होने से बिगड सकते हैं हालात
> सचिव पशुपालन ने दिए आवश्यक आदेश
> सूखे चारे की कालाबाजारी इत्यादि पर रोक
वेब मीडिया के विश्वसनीय नाम
यूके तेज से जुड़ने के लिये
वाट्सएप्प करें 8077062107
रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’
देहरादून : जिलाधिकारी डॉ0 आर राजेश कुमार ने अवगत कराया कि है कि जनपद देहरादून की सीमा के अन्दर स्थित ईट भट्टा/गत्ता फैक्ट्री मालिक जो कि तूडा, भूसा, गेहूॅं ,पैडी, गुवार, सरसो भूसा इत्यादि ईंट पकाने/गत्ता बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है
तथा जनपद से बाहर भी भेजा जाता है.जिससे पशुओं के लिए सूखे चारे की कमी पैदा हो सकती है.
भविष्य में वर्षा न होने से यह स्थिति और भी भयावह होने की सम्भावना है तथा इस सम्बन्ध में सचिव पशुपालन, मत्स्य डेयरी एवं सहकारिता ने पशुओं हेतु भूसे की कीमतों में भारी वृद्धि एवं भण्डारण पर प्रभावी रोक लगाये जाने के आदेश निर्गत किये गये है.
उक्त स्थिति में सूखे चारे (भूसा) की सूखाग्रस्त क्षेत्रों पर अत्यधिक आवश्यकता हो सकती है.
ऐसी स्थिति पैदा न हो इसके लिए जिलाधिकारी, डॉ0 आर राजेश कुमार ने जनपद देहरादून में दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए
समस्त जनपद देहरादून में ऐसे सूखा भूसा, तूड़ा (गेंहू, गवार, सरसों, पैडी इत्यादि) को जनपद देहरादून में स्थित सभी भट्टो, गत्ता, बनाने के लिए तथा जनपद देहरादून से बाहर भेजने, अनावश्यक मण्डारण, कालाबाजारी एवं पराली जलाने पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबन्धित किया गया है.
आदेश की अवहेलना में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 संपठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत् दण्ड का पात्र/भागी होगा.