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देहरादून में जुटे कैंसर के एक्सपर्ट डॉक्टर,बिना चीरे-सर्जरी की नयी टेक्नोलॉजी पर हुआ विचार-मंथन

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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’

देहरादून : हिमालयन हॉस्पिटल जॉलीग्रांट के कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट की ओर से कैंसर के उपचार में उभरती तकनीक व विधि को लेकर एक दिवसीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया।

इसमें विशेषज्ञों ने कहा कि तकनीक के सहारे कैंसर के उपचार को और बेहतर किया जा सकता है।

कैंसर रिसर्च इंस्टिट्यूट विभाग की ओर से देहरादून स्थित एक होटल में आयोजित कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ.सुनील सैनी ने कहा कि कैंसर तेजी से बढ़ रहा है हालांकि कैंसर के उपचार की रेडिएशन तकनीक पहले से काफी बेहतर हुई है।

मरीज के उपचार का लक्ष्य केवल बीमारी से निजात दिलाना ही नहीं है, बल्कि यह है कि उपचार के बाद रोगी बेहतर और आरामदायक जीवन जी पाए।

डॉ.सैनी ने बताया कि हिमालयन हॉस्पिटल का कैंसर विंग में 2008 से सर्जरी, कीमोथेरेपी और विकिरण जैसी सभी ऑन्कोलॉजिकल सेवाएं प्रदान करने वाला उत्तराखंड का पहला केंद्र है।

आयोजन समिति के सचिव डॉ.विपुल नौटियाल ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में एम्स ऋषिकेश, राजीव गांधी कैंसर अनुसंधान संस्थान, मेदांता मेडिसिटी गुरुग्राम, मैक्स हॉस्पिटल दिल्ली और देहरादून जैसे विभिन्न संस्थानों से सर्जरी, मेडिकल ऑन्कोलॉजी और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी से विशेषज्ञ व चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया।

डॉ.विपुल नौटियाल ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में विशेष रूप से कैंसर के उपचार में सहायक स्टेरोटैक्टिक विकिरण और रेडियोथेरेपी तकनीकों को कैसे लागू किया जाना चाहिए व इस क्षेत्र की चुनौतियों की विस्तृत जानकारी दी गई। स्टीरियोटैक्टिक रेडिएशन, रेडिएशन का एक रूप है जिसमें बिना किसी चीरे और सर्जरी के आप ट्यूमर कोशिकाओं को अलग कर सकते हैं।

कॉन्फ्रेंस के सफल आयोजन में डॉ.मीनू गुप्ता, डॉ.विनय कुमार आदि ने सहयोग दिया। डॉ.मुश्ताक अहमद, डॉ.एसके वर्मा, डॉ,अंकित बत्रा, डॉ.राजेंद्र डोभाल आदि मौजूद रहे।

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