उत्तराखंड में विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई,48 घंटों में दो रिश्वतखोर गिरफ्तार
Big action of Vigilance in Uttarakhand, two bribe takers arrested in 48 hours
देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान को तेज करते हुए विजिलेंस विभाग ने बीते 48 घंटों में चमोली और पौड़ी जिलों से दो रिश्वतखोरों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
उत्तराखंड सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम को और तेज कर दिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के “भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड” के संकल्प के तहत,
विजिलेंस विभाग ने बीते 48 घंटों में दो सरकारी अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
शनिवार को पौड़ी जिले के अगरोड़ा क्षेत्र में राजस्व निरीक्षक (कानूनगो) कैलाश रवि को 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया।
इसके तुरंत बाद रविवार को चमोली जिले के कर्णप्रयाग में आबकारी निरीक्षक जयबीर सिंह को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया।
मुख्यमंत्री धामी ने इस संबंध में कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “जो भी व्यक्ति भ्रष्टाचार में शामिल होगा, उस पर कठोर कार्रवाई होगी।”
उन्होंने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए विजिलेंस विभाग को और अधिक सशक्त बनाने की बात कही।
सरकार ने भ्रष्टाचार की शिकायतों को दर्ज करने के लिए “भ्रष्टाचार मुक्त एप 1064” लॉन्च किया है।
इस एप के माध्यम से अब तक 980 से अधिक शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं।
सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में इस एप के पोस्टर लगाने का भी निर्देश दिया है, ताकि लोगों में जागरूकता बढ़े।
पिछले नौ महीनों में विजिलेंस विभाग ने लगभग 30 रिश्वतखोरों को गिरफ्तार किया है।
इन नए मामलों के साथ यह संख्या बढ़कर 32 हो गई है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के 23 वर्षों के इतिहास में भ्रष्टाचार से संबंधित 281 ट्रैप मामलों में कुल 303 लोग गिरफ्तार हुए हैं,
जिनमें से 70 गिरफ्तारियां पिछले तीन वर्षों में हुई हैं।
सरकार का दावा है कि “भ्रष्टाचार मुक्त एप 1064” आम नागरिकों के लिए बेहद मददगार साबित हो रहा है।
इस एप के माध्यम से लोग बिना किसी डर के रिश्वतखोरों और कामचोरों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
शिकायतकर्ताओं की पहचान गोपनीय रखी जाती है,
जिससे उन्हें किसी प्रकार के दबाव या प्रतिशोध का सामना नहीं करना पड़ता।
मुख्यमंत्री धामी के इस कदम से उम्मीद की जा रही है कि राज्य में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ेगी।