DehradunHealthUttarakhand

खतरे की घंटी! हर तीसरा व्यक्ति फैटी लिवर से परेशान, मैक्स हॉस्पिटल ने जगाई उम्मीद की किरण

Alarm bells! Every third person suffers from fatty liver, Max Hospital brings a ray of hope

देहरादून,21 अप्रैल 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : विश्व लिवर दिवस के अवसर पर देहरादून स्थित Max Super Speciality Hospital ने एक महत्वपूर्ण जागरूकता अभियान चलाया.

अस्पताल ने तेज़ी से बढ़ रही बीमारी – फैटी लिवर के लक्षणों, कारणों, निदान और उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी दी,

ताकि लोग इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या के प्रति सचेत हो सकें

विशेषज्ञ की राय

डॉ. अभिजीत भावसार, कंसल्टेंट, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, हेपैटोलॉजी एवं एंडोस्कोपी, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने इस चिंताजनक स्थिति पर प्रकाश डालते हुए कहा,

“आजकल लगभग हर तीसरा व्यक्ति फैटी लिवर की किसी न किसी अवस्था से जूझ रहा है।

यह एक साइलेंट किलर की तरह है, जो शुरुआती दौर में बिना किसी लक्षण के शरीर में पनपता रहता है.

यदि समय रहते इसका पता न चले और इलाज न किया जाए,

तो यह लिवर सिरोसिस, हेपेटाइटिस और अंततः लिवर कैंसर जैसे जानलेवा रोगों का रूप ले सकता है”

क्या है फैटी लिवर ?

डॉ. भावसार ने आगे बताया कि फैटी लिवर तब होता है जब लीवर की कोशिकाओं में अत्यधिक वसा जमा हो जाती है.

लीवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है,

जो भोजन पचाने, पोषक तत्वों को अवशोषित करने और रक्त से हानिकारक तत्वों को बाहर निकालने जैसे कई आवश्यक कार्य करता है.

जब लीवर में वसा की मात्रा सामान्य से अधिक हो जाती है,

तो इसकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है

और गंभीर जटिलताएँ उत्पन्न हो सकती हैं.

अत्यधिक वसा लीवर में सूजन पैदा कर सकती है,

जिससे लीवर क्षतिग्रस्त हो सकता है

और उस पर घाव बन सकते हैं

गंभीर सूजन के कारण लिवर कैंसर और सिरोसिस जैसी खतरनाक स्थितियाँ पैदा हो सकती हैं

फैटी लिवर के मुख्य कारण

फैटी लिवर के कारणों पर बात करते हुए डॉ. भावसार ने इसके दो मुख्य प्रकार बताए:

एल्कोहलिक फैटी लीवर डिज़ीज़ (AFLD): यह अत्यधिक शराब के सेवन के कारण होता है।

गैर-अल्कोहलिक फैटी लीवर (NAFLD): यह उन लोगों में होता है जो शराब का सेवन नहीं करते

NAFLD के संभावित कारण:

शरीर में अत्यधिक वसा उत्पादन
लीवर द्वारा वसा को ठीक से चयापचय न कर पाना
मोटापा
टाइप 2 डायबिटीज या इंसुलिन प्रतिरोध
उच्च ट्राइग्लिसराइड स्तर
कुछ दवाएं
वायरल संक्रमण
आनुवंशिक विकार
एनीमिया
अत्यधिक कुपोषण या अचानक वजन में कमी
गर्भावस्था

फैटी लिवर के लक्षण

डॉ. अभिजीत ने लक्षणों पर जोर देते हुए कहा कि फैटी लिवर को अक्सर “साइलेंट डिज़ीज़” कहा जाता है

क्योंकि शुरुआती चरणों में इसके कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते

हालांकि, बीमारी बढ़ने पर निम्नलिखित लक्षण दिखाई दे सकते हैं:

थकान और कमजोरी
पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में हल्का दर्द या असहजता
भूख में कमी
वजन घटना
एकाग्रता में कमी
गंभीर मामलों में:
पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला पड़ना)
पैरों और पेट में सूजन
त्वचा पर खुजली
लंबे समय तक थकान या पेट में असहजता महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना महत्वपूर्ण है।

फैटी लिवर का उपचार

उपचार के बारे में बताते हुए डॉ. अभिजीत ने कहा कि फैटी लिवर का इलाज बीमारी की गंभीरता और कारणों पर निर्भर करता है.

मुख्य उपचार विधियाँ:

जीवनशैली में बदलाव (प्रारंभिक चरणों में सबसे प्रभावी):

वजन कम करना (शरीर के वजन का 5-10% भी सुधार ला सकता है)
संतुलित और पौष्टिक भोजन लेना
नियमित व्यायाम करना

दवाएं:

कुछ मामलों में डॉक्टर लीवर की सूजन कम करने या मेटाबॉलिक प्रक्रियाओं को नियंत्रित करने वाली दवाएं लिख सकते हैं.

नियमित निगरानी:

बीमारी की प्रगति पर नजर रखने और समय पर उचित कदम उठाने के लिए नियमित मेडिकल चेकअप और लीवर फंक्शन टेस्ट कराना आवश्यक है.

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का यह जागरूकता अभियान फैटी लिवर जैसी गंभीर बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करने और उन्हें स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करने की एक महत्वपूर्ण पहल है.

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!