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प्रधानमंत्री का उत्तराखंड आपदा क्षेत्र हवाई सर्वेक्षण प्रस्तावित,मुख्यमंत्री धामी ने लिया जायजा

Prime Minister's aerial survey of Uttarakhand disaster area proposed, Chief Minister Dhami took stock

 

देहरादून ,10 सितम्बर 2025 : देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) का उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण (Aerial Survey) प्रस्तावित है.

जिसकी तैयारियों को लेकर Chief Minister Pushkar Singh Dhami ने आज देहरादून विमानपत्तन (Dehradun Airport ) का जायजा लिया है.

गौरतलब है कि भारी बारिश की वजह से उत्तराखंड धराली,थराली सहित विभिन्न स्थानों पर आपदा आयी है.

जिसमें जानमाल की हानि हुई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण के लिए पहुंच रहे हैं.

इस दौरान वह एक समीक्षा बैठक (Review Meeting) भी करने वाले हैं.

इसी के चलते कल जहां राज्य के डीजीपी दीपम सेठ (Director General Police,Deepam Seth) और मुख्य सचिव आनंद बर्धन (Chief Secretary,Anand Bardhan) ने देहरादून एयरपोर्ट का जायजा लिया था.

वहीं आज मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे.

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारियों का जायजा लिया.

उन्होंने अधिकारियों को सभी व्यवस्थाओं को समयबद्धता के साथ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि “प्रधानमंत्री जी का उत्तराखंड से विशेष लगाव है, यही कारण है कि आपदा के इस कठिन समय में हमें निरंतर उनका सहयोग एवं मार्गदर्शन मिलता रहा है.”

प्रधानमंत्री के आगमन से उत्तराखंड में आपदा राहत कार्यों को और बल मिलेगा.

मुख्यमंत्री ने की भारत सरकार की अन्तर-मंत्रालयी टीम से भेंट

Chief Minister met the inter-ministerial team of Government of India

पुष्कर सिंह धामी से राज्य में आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने आई भारत सरकार की अन्तर-मंत्रालयी टीम ने भेंट की.

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील राज्य है.

मानसून अवधि में राज्य को अतिवृष्टि के कारण भूस्खलन, बाढ और जल भराव की गंभीर समस्याओं से जूझना पड़ता है.

उन्होंने कहा कि भूस्खलन से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों को मिलकर पूर्वानुमान प्रणाली को और अधिक विकसित करने की दिशा कार्य करना होगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष अत्यधिक वर्षा के कारण राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में काफी नुकसान हुआ है.

जनहानि के साथ ही परिसंपत्तियों को भी अत्यधिक क्षति पहॅुंची है। उन्होंने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में बादल फटने व भूस्खलन की घटनाओं से जमीन का स्थाई नुकसान होता है,

ऐसी जगहों को दोबारा खेती-बाड़ी या निर्माण कार्यों के लिए प्रयुक्त करना संभव नहीं हो पाता है.

इसके लिए प्रभावी कार्ययोजना पर भी उन्होंने बल दिया.

अंतर मंत्रालयी टीम ने लिया नुकसान का जायजा

Inter-ministerial team took stock of the damage

भारत सरकार की अंतर मंत्रालयी टीम के सदस्यों ने उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग, पौड़ी गढवाल, चमोली, बागेश्वर एवं नैनीताल जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया.

जिसके बाद बुधवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री से भेंट की.

गृह मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव आर. प्रसन्ना के नेतृत्व में आई इस टीम में अनु सचिव शेर बहादुर, अधीक्षण अभियंता सुधीर कुमार, उप निदेशक विकास सचान, मुख्य अभियंता पंकज सिंह, निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह शामिल थे.

इन कामों की करी सराहना

अंतर मंत्रालयी टीम ने आपदा प्रभावितों से बातचीत कर मिले फीड बैक का उल्लेख करते हुए राज्य सरकार द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में संचालित राहत कार्यों (Relief Work) को सराहनीय बताया.

आपदा प्रभावितों के लिए राहत शिविरों (Relief Camp) में रहने व भोजन की समुचित व्यवस्था, मौके पर ही चिकित्सा सुविधा (Medical Facility) उपलब्ध कराने तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं (Basic Amenities) की व्यवस्था को भी केन्द्रीय टीम ने बेहतर बताया.

केन्द्रीय टीम ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आपदा में मृतकों के परिजनों तथा जिनके घर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उनकोे रू. पॉंच लाख की तात्कालिक सहायता राशि दिए जाने से भी प्रभावितों को काफी राहत मिली है.

राज्य में सभी गर्भवती महिलाओं का संपूर्ण डाटा जिला प्रशासन के पास उपलब्ध होने एवं उनके स्वास्थ्य व सुरक्षित प्रसव की व्यवस्था हेतु निरंतर संपर्क रखने की पहल की भी केन्द्रीय टीम ने सराहना की.

टीम के सदस्यों ने कहा कि इस तरह की महत्वपूर्ण पहल को अन्य राज्यों में भी अपनाने के लिए अपना सुझाव प्रस्तुत करेगी.

केन्द्रीय टीम ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में भूस्खलन व बाढ़ से नदियों में अत्यधिक मात्रा में सिल्ट भर जाने के कारण जल स्तर ऊपर उठने से भविष्य में नुकसान की संभावना को भी भ्रमण के दौरान उनके संज्ञान में लाया गया है.

इस अवसर पर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, अपर मुख्य सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनन्द स्वरूप उपस्थित थे.

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