पुस्तकालयों का राष्ट्रीय शिक्षानीति 2020 के क्रियान्वयन में अहम योगदानः डॉ.निशक
Libraries play an important role in the implementation of National Education Policy 2020: Dr. Nishak
देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : आज डोईवाला के फतेहपुर स्थित स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार आयोजित किया गया
भारतीय सामाजिक अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के सौजन्य से यह सेमीनार आयोजित किया गया
सेमिनार का विषय ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आलोक में शैक्षणिक ग्रंथालयों एवं साहित्य का बदलता स्वरूप’ रहा
इसका आयोजन पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग एवं अंग्रेजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।
कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड एवं पूर्व शिक्षा मंत्री भारत सरकार डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ और मुख्य अतिथि डॉ संजीव कुमार एवं भारत के विभिन्न राज्यों से आये हुये शिक्षाविदों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
डॉ. निशंक द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि यह एक बहुत अच्छी पहल है,
इस संगोष्ठी का आयोजन बहुत अच्छे समय पर हो रहा है क्योंकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 इस समय लागू हो रही है।
यह गोष्ठी देश और राज्य के लिए लाभकारी होगी।
डॉ. निशंक ने कहा राष्ट्रीय शिक्षा निति 2020 को देश ही नहीं अपितु विदेशों में भी सराहा जा रहा है।
यह शिक्षानीति देश के युवाओं को दिशा देने के लिए एवं भारत को पुनः जगत गुरू बनाने के लिये मील का पत्थर साबित होगी।
हमारा लक्ष्य है कि हम इस नीति के माध्यम से भारत को एक आत्मनिर्भर, सशक्त और वैश्विक नेता के रूप में देख सकें।
हमारा पुरातन ज्ञान आज देश के विभिन्न पुस्तकालयों में संरक्षित है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. संजीव सैनी ने कहा कि देश की शिक्षा ब्यवस्था में सुधार के लिए पुस्तकालय अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है
जहां पर शोधार्थी पुस्तकों के माध्यम वृहद ज्ञान प्राप्त कर रहे है।
वर्तमान समय लगभग सभी पुस्तकें ऑनलाईन प्लेटफार्म पर उपलब्ध है।
जिससे की शोद्यार्थियों एवं विद्यार्थियों को बड़ी आसानी से पुस्तकों का लाभ ले सकते है।
नीदरलैंड से आयी साहित्यकार अश्वनी की पुस्तक ‘अश्वनी की काव्यांञ्लि’ के लोकापर्ण किया गया
इसके साथ-साथ डॉ. निशंक की पुस्तक ‘क्या नहीं हो सकता’ का भी विमोचन किया गया
इसके अलावा डॉ. इन्दु भारती घिल्डियाल और डॉ. निधि उपाध्याय द्वारा अनुवादित पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
कार्यक्रम का संचालन आशना कंडियाल द्वारा किया गया।
कार्यक्रम संयोजन डॉ इंदु नवानी, डॉ निधि एवं डॉ ममता कुंवर के द्वारा किया गया।
इस अवसर पर इस अवसर पर स्पर्श हिमालय के कुलाधिपति प्रो० प्रदीप कुमार जी, स्पर्श हिमालय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० काशीनाथ जेना,हिमालयीय आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य अनिल कुमार झा, कुलसचिव अरविंद अरोड़ा डॉ सविता मोहन, प्रो. दीपक कुमार, डॉ. विवेकानंद जैन, डॉ. के.एन. चतुर्वेदी, डॉ. पारूल मिश्रा, डॉ. पवन मैठाणी, डॉ. मानसी नवानी, डॉ. अलका राय, डॉ. विनोद मिश्रा, डॉ. मुदिता अग्निहोत्री प्रो रजवार,साहित्यकार गणेश खुगशाल, रमाकांत बेंजवाल, कीर्ति नवानि एवं विभिन्न राज्यों से प्राध्यापक एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।