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6 साल से पी रहा अपना यूरीन,10 साल ज्यादा जवान दिखने का किया दावा

इंग्लैंड के हैम्पशायर में रहने वाले एक व्यक्ति ने पिछले छह सालों से रोज अपना पेशाब पीने का खुलासा किया है.
उसने दावा किया कि अपने बासी पेशाब के सेवन से उसे शांति,सुकून और दृढ-निश्चय Peace,Calm and Determination की भावना मिलती है.
> बासी पेशाब पीने के साथ अपने चेहरे पर भी लगाते हैं हैरी
> 1 महीने बासी खुद के पेशाब में ताजा मूत्र मिलकर सेवन
> पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने भी मूत्र सेवन बताया था
> मडोना का नाम भी ‘फैंस ऑफ यूरोफागिया’ में शामिल
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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’

इंग्लैंड में रहने वाले एक 34 वर्षीय शख्स ने हैरान करने वाला खुलासा किया है.

हैरी मातादीन (Harry Matadeen) नाम के इस व्यक्ति का कहना है कि जब से उसने अपना मूत्र रोज पीना शुरू किया है तब से उसका अवसाद दूर हो गया है उसने खुद के 10 साल ज्यादा जवान दिखने का दावा भी किया है.

डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार मेंटल डिप्रेशन से बचने के लिए हैरी मातादीन ने 2016 में अपने मूत्र का सेवन शुरू किया था.

वह प्रतिदिन 200 ml स्वयं के मूत्र का सेवन करता है वह आमतौर पर 1 महीने पुराने अपने मूत्र का सेवन करता है जिसमें वह कुछ बूंदे अपने ताजे पेशाब की भी मिला लेता है.

हैरी मातादीन ने लिखा है कि,”जैसे ही मैंने मूत्र का सेवन किया उसी क्षण मेरा दिमाग जाग उठा और मेरा डिप्रेशन खत्म हो गया” इससे उसे मानसिक शांति और काम करने के लिए दृढ़ता आती है.

हैरी मातादीन का कहना है कि वह अपने पेशाब के सेवन के अलावा इसे अपने चेहरे पर मॉइस्चराइजर के रूप में भी इस्तेमाल करता है वह किसी अन्य स्किन केयर का इस्तेमाल नहीं करते हैं.

फैंस ऑफ यूरोफागिया’

मूत्र चिकित्सा( urine therapy) को यूरोफैगिया या यूरोथेरेपी(urophagia or urotherapy) के नाम से जाना जाता है.

यूरिन थेरेपी को अपनाने वाले लोगों को ‘फैंस ऑफ यूरोफागिया’ कहा जाने लगा है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आजकल पूरे यूरोप में लोगों में पेशाब पीने का ट्रेंड देखने में आया है ऐसा माना जा रहा है कि अगर कोई व्यक्ति अपना कुछ दिन पुराना पेशाब पिए तो उससे उसे कई बीमारियों से निजात मिल जाएगी और वह जवान दिखने लगेगा.

हालांकि डॉक्टरों द्वारा बार-बार इस बात को लेकर आगाह भी किया गया है कि यह खतरनाक हो सकता है यदि आप स्वयं की बजाय किसी अनजान व्यक्ति का पेशाब पीने लग जाए.

इस चिकित्सा की उत्पत्ति प्राचीन मिस्र में हुई. यह एक प्रथा है, जो तेजी से डिहाईड्रेशन को बढ़ाता है और मूत्र पीने वाले को वैक्टीरिया के संपर्क में लाता है.

गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय मोरारजी देसाई ने भी एक इंटरव्यू में स्वयं के मूत्र सेवन की बात का जिक्र किया था.

 

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