
स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) जॉलीग्रांट के जनरल सर्जरी विभाग की ओर से तीन दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस एफआईएजीईएस-2022 का आयोजन किया जा रहा है.
इसमें देशभऱ के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों के विशेषज्ञ चिकित्सक जुटे हैं.
वेब मीडिया विश्वसनीय नाम
यूके तेज़ से जुड़ने के लिये
वाट्सएप्प करें 8077062107
प्रियंका प्रताप सिंह
देहरादून :यह कॉन्फ्रेंस जनरल सर्जरी के क्षेत्र में उभरती हुई नई तकनीकों पर आधारित है। कॉन्फ्रेंस का मकसद सर्जरी से जुड़े चिकित्सकों व शोधार्थियों को इस क्षेत्र में आई नई तकनीकों से रुबरू करवाना है।
एसआरएचयू में हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एचआईएमएस) व इंडियन एसोसिएशन ऑफ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडो-सर्जन के संयुक्त तत्वावधान में एफआईएजीईएस-2022 कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है।
कॉन्फ्रेंस का उद्घाटान एचआईएचटी संस्थापक डॉ.स्वामी राम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि कुलपति डॉ.विजय धस्माना ने कहा कि समय के साथ सर्जरी की तकनीकों में भी बदलाव आया है।
इस तरह की कॉन्फ्रेंस का मकसद है कि इस क्षेत्र से जुड़े चिकित्सक अपने-अपने अनुभवों को साझा कर सकें ताकि इसका फायदा मरीज को उपचार में दिया जा सके। वर्कशॉप से भविष्य के लिए तैयार हो रहे सर्जन चिकित्सकों को इसका फायदा मिलेगा।
आईएजीईएस के अध्यक्ष डॉ. एलपी थंगावेलु ने बताया कि आईएजीईएस में सदस्य के रुप में 8300 से अधिक सर्जन हैं। आईएजीईएस के तत्वावधान में 3000 से अधिक सदस्यों को प्रशिक्षित किया गया है।
आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ.हेमंत नौटियाल ने बताया कि FIAGES गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एंडोस्कोपिक सर्जन (IAGES) के सबसे प्रतिष्ठित और सबसे बड़े संगठन द्वारा सम्मानित लैप्रोस्कोपिक सर्जनों के लिए फैलोशिप है।
कॉन्फ्रेंस में 60 से अधिक राष्ट्रीय स्तर की फैकल्टी व सर्जन प्रतिभाग करेंगे। कार्यक्रम में प्रतिभागियों को सर्जरी में प्रयुक्त होने वाली नवीन तकनीक, विडियो प्रेजेंटशन, लेक्चर और हैंडस ऑन टेªनिंग के माध्यम से प्रशिक्षित किया जायेगा।
इसके अलावा पोस्टर प्रेजेंटेशन और रिसर्च पेपर भी पढ़े जाएंगे। इस दौरान सर्जरी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियों के लिए डॉ.पीके सचान को सम्मानित किया गया।
डॉ.वैभवी धस्माना ने कार्यक्रम का संचालन किया।
आयोजन को सफल बनाने में डॉ.पीके सचान, डॉ.हेमंत नौटियाल, डॉ.पंकज, डॉ.हेमंत कपरुवाण, डॉ.विनम्र मित्तल, डॉ.जितेंद्र रे, रुपेश महरोत्रा का विशेष सहयोग रहा।
इस दौरान प्रति कुलपति डॉ.विजेंद्र चौहान, कुलसचिव डॉ.सुशील शर्मा डॉ.प्रकाश केशवया, डॉ.सुनील सैनी, डॉ.रेनू धस्माना आदि मौजूद रहे।