DehradunUttarakhand

‘‘उत्तराखंड महोत्सव’’ के रूप में मनाई गई राज्य स्थापना दिवस की 21वीं वर्षगांठ

 गैरसैंण : उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) मे राज्य स्थापना दिवस की 21वीं वर्षगांठ पूरी गरिमा के साथ ‘‘उत्तराखंड महोत्सव’’ के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।

आईटीबीपी, पुलिस, होमगार्ड के जवानों ने विधानसभा परिसर में भव्य सेरेमोनियल परेड का आयोजन किया गया। वही स्कूली बच्चों एवं सांस्कृतिक दलों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी।

राज्य स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भराड़ीसैंण विधानसभा परिसर में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को नमन करते हुए विभिन्न विकास योजनाओं का लोकार्पण-शिलान्यास के साथ ही प्रदेश के विकास के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा परिसर भराडीसैंण में शहीद राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सभी राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धापूर्वक नमन किया और विधानसभा परिसर गैरसैंण (भराड़ीसैंण) से पूरे प्रदेशवासियों को राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तराखंड के लिए विशेष दिन है। लंबे संघर्ष और बलिदान के बाद हमें यह दिन देखने को मिला है। इसके लिए असंख्य गुमनाम लोगों ने संघर्ष किया। बच्चे, युवा, महिला, बुजुर्ग सब सड़क पर उतरे थे। माताओं और बहनों ने अपमान सहा।

ये राज्य हमें लाठी, गोली और दमन से मिला है। खटीमा, मसूरी और मुजफ्फरनगर के दमन को हम कभी भूल नहीं सकते। मैं खटीमा का निवासी हूँ, मैंने अपनी आंखों से उस दमन को देखा है। मैं आज उन शहीदों और आंदोलनकारियों को नमन करता हूं जिन्होंने इस राज्य के लिए अपने जीवन को, अपने परिवार की खुशियों को होम कर दिया।

यह शांति की धरती है, यह क्रांति की धरती है। यह हीरों को जनने वाली धरती है, यह वीरों को जनने वाली धरती है। ये ज्ञान की धरती है, यह आन-बान-शान की धरती है। हमारा संकल्प है कि जिस ध्येय के लिए इस राज्य के लिए संघर्ष किया गया और राज्य की कल्पना की गई, उसके लिए हम कृत संकल्प हैं। हम उनके त्याग, बलिदान और संघर्ष को व्यर्थ जाने नहीं देंगे।

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न परम श्रद्धेय स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी को भी स्मरण करते हुए कहा कि उनके प्रधानमंत्री रहते उत्तराखंड राज्य का सपना साकार हुआ।

प्रदेश की महान जनता के आशीर्वाद, सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति, आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव और केंद्र सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड तेजी से विकास की ओर अग्रसर हो रहा है।

पिछले पांच वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा लगभग एक लाख करोड़ रूपए की विभिन्न परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत की गई हैं।

इनमें से बहुत सी परियोजनाओं पर काम हो गया है और अन्य पर काम तेजी से चल रहा है। केन्द्र सरकार ने उत्तराखण्ड के लिये चारधाम ऑल वेदर रोड, भारत माला प्रोजेक्ट, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन की जो सौगात दी है उससे आने वाले समय में उत्तराखंड में आवागमन सुगम हो सकेगा। इसके अतिरिक्त केन्द्र सरकार ने भौगोलिक एवं सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण 155 किलोमीटर के टनकपुर-बागेश्वर रेलमार्ग के अन्तिम सर्वें को भी मंजूरी दे दी है तथा इसके लिए बजट भी अवमुक्त कर दिया गया है।

इस प्रकार केन्द्र सरकार के सहयोग से हम उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों को भी विकास की धारा से जोड़ने में सफल हुए हैं।

हमारी योजना है कि 2025 तक हम उत्तराखंड के प्रत्येक गांव को लिंक मार्गों के माध्यम से बड़े राजमार्गों और ऑल वेदर रोड से जोड़ सकें।

जिससे पहाड़ों पर औद्योगिक विकास के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जा सके और पलायन की समस्या से उत्तराखंड को मुक्ति दिलाकर पहाड़ की जवानी को पहाड़ के काम लाया जा सके। ये डबल इंजन सरकार की उपलब्धि ही है कि देवभूमि के पहाड़ों में रेल पहुंचाने का स्वप्न साकार होने की कगार पर है। सड़क एवं रेलमार्गों के साथ-साथ उत्तराखंड में एयर कनेक्टिविटी में सुधार के लिए हमारी सरकार विशेष रुप से कार्य कर रही है।

जिसके अन्तर्गत जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है तथा उधमसिंहनगर में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट विकसित किया रहा है।

उत्तराखण्ड पहला राज्य है जहां उड़ान योजना में हेली सर्विस शुरुआत की गई है। हमारा लक्ष्य है कि हम 2025 तक उत्तराखंड के प्रत्येक प्रमुख नगर को हेली सेवा से जोड़े। देहरादून से टिहरी के लिए डबल लेन टनल की भी स्वीकृति देकर केन्द्र सरकार ने दून से टिहरी की दूरी को कम करने का काम किया है। इस परियोजना के लिए अनुमानित लागत 8750 करोड़ रूपये आंकी गई है।

सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रस्तावित योजना के अनुसार विश्व के सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित सिखों के पवित्र धर्म स्थल हेमकुंड साहब को शीघ्र ही रोपवे से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही इसी योजना के अन्तर्गत 12 ज्योर्तिलिंगों में से एक केदारनाथ धाम तक केबल कार द्वारा पहुंचा जा सकेगा।

हमारी सरकार नैनीताल में स्थित कैंचीधाम के विकास के लिए भी काम कर रही है जिसके अंर्तगत 60 करोड़ से अधिक के विभिन्न विकास कार्य किए जाएंगे।

इसके साथ-साथ केन्द्र सरकार के सहयोग से उत्तराखंड को भारत की सर्वश्रेष्ठ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक स्थली बनाने के लिए हमारी सरकार निरंतर कार्य कर रही है।

जिसके अन्तर्गत केदारपुरी में जहां प्रथम चरण के 225 करोड़ के कार्य पूर्ण हो चुके हैं वहीं 184 करोड़ के कार्य द्वितीय चरण में गतिमान है। इसके साथ ही बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान के लिए जहां 245 करोड़ रूपये से अधिक स्वीकृत हो चुके हैं।

वहीं गंगोत्री व यमनोत्री के लिए क्रमशः 20 करोड़ और 34 करोड़ रूपये स्वीकृत हो चुके हैं। देवभूमि उत्तराखंड का विकास हमारी सर्वोच प्राथमिकता रही है और इसी ध्यान में रखकर हमारी सरकार पिछले साढ़े चार सालों सें लगातार कार्य कर रही है।

मुख्य सेवक के रुप में मेरी पहली प्राथमिकता युवाओं की समस्याओं को दूर करने की रही है। इसीलिए हमने उत्तराखंड में सरकारी विभागों में रिक्त पड़े 24 हजार पदों को शीघ्र भरने का बेड़ा उठाया है। इनमें से आधे पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है, तथा शेष रिक्त पदों पर शीघ्र ही भर्ती पूर्ण कर ली जाएगी।

साथ ही जहां राज्य की भर्ती परीक्षाओं में आवेदन शुल्क से राहत दी गई है वहीं समूह-ख व ग के पदों पर चयन में अभ्यर्थियों को आयु सीमा में एक वर्ष की छूट भी दी गई है।

इसके अतिरिक्त संघ लोक सेवा आयोग, एन0डी0ए0, सी0डी0एस0 एवं उसके समकक्ष लिखित परीक्षा पास करने पर परिवार की आर्थिक स्थिति के आधार पर अभ्यर्थी को साक्षात्कार की तैयारी के लिये 50 हजार रुपए की वित्तीय सहायता भी दी जा रही है।

हमारी सरकार अल्पवेतनभोगियों के वेतन तथा भत्तों में वृद्धि के प्रति संवेदनशील है। अतिथि शिक्षकों का वेतन 15,000 रूपए से बढ़ाकर 25,000 रूपए, मेडिकल कॉलेजों में ट्रेनी डाक्टरों के स्टाईपेंड को 7500 रूपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 17,000 रूपए, ग्राम प्रधानों का मानदेय 1500 से बढ़ाकर 3500 रूपए किया है।

साथ ही हमने उपनल कर्मियों, आशा एवं आंगनबाड़ी बहनों, लोक कलाकारों तथा ग्राम प्रहरियों के मानदेय में भी वृद्धि की है।

प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर दो सीबीएसई पाठ्यक्रम के अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की स्थापना करने का कदम शिक्षा के गुणात्मक सुधार के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा।

नई शिक्षा नीति को समयबद्ध तरीके से स्कूलों में लागू करने के प्रति हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। क्वालिटी एजुकेशन के लिए हमने सभी सरकारी विद्यालयों में छब्म्त्ज् की पाठ्य पुस्तकें अनिवार्य करवायी हैं। कॉलेजों को स्मार्ट कैम्पस बनाया जा रहा है।

बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए माध्यमिक विद्यालयों में स्मार्ट इको क्लब की स्थापना की गई है।

प्रदेश में कोविड से प्रभावित परिवारों के निराश्रित बच्चों को वात्सल्य योजना का सहारा दिया गया है। ऐसे बच्चों को 21 वर्ष की आयु तक 3000 रुपये प्रति माह दिये जायेंगे।

इसके साथ ही मैं हमारे प्रदेश के कुमाऊं क्षेत्र में एम्स के सेटेलाइट सेंटर को खोलने के लिए प्रधानमंत्री को देवभूमि की समस्त जनता की ओर से हार्दिक धन्यवाद भी प्रेषित करता हूं। अटल आयुष्मान योजना के अन्तर्गत प्रदेश में लगभग 50 लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड अब तक बनाए जा चुके हैं।

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!