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पुरुष के लिंग की तरह बड़ी थी लड़की की क्लिटोरिस,करनी पड़ी अति दुर्लभ और जटिल सर्जरी

एक युवती के जननांग में कुछ इस प्रकार की विकृति थी

जिसके उपचार के लिए एम्स,ऋषिकेश में अपने तरह की दुर्लभ और अति जटिल सर्जरी करनी पड़ी

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-रजनीश सैनी

देहरादून : उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में

एम्स,गोरखपुर से रेफर होकर एक युवती का केस आया।

जिसकी सर्जरी को रिकंस्ट्रक्टिव एंड कॉस्मेटिक गाइनेकोलॉजी डिवीजन के डॉक्टर नवनीत मागों और उनकी टीम ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया है।

20 वर्षीय अविवाहित लड़की का है ये केस

अपनी बीस साल की अविवाहित बेटी के दांपत्य जीवन को लेकर उसके पिता बेहद चिंतित थे।

उन्होंने बेटी के इलाज के लिए देश के विभिन्न मेडिकल संस्थानों में उसका परीक्षण कराया,

लेकिन कहीं भी इसका समुचित उपचार नहीं मिल पाया,

एम्स गोरखपुर से मरीज को उपचार के लिए ऋषिकेश एम्स रेफर कर दिया गया।

पुरुष के लिंग की तरह बड़ी थी लड़की की क्लिटोरिस 

डा. नवनीत के अनुसार इस युवती का जन्म से ही

कंजेनिटल एड्रिनल हाइपरप्लेशिया और क्लिटोरिस का आकार बढ़ा हुआ था

 चिकित्सक ने बताया कि यह एक दुर्लभ किस्म का मामला था,

क्योंकि युवती का क्लिटोरिस पुरुष के लिंग की तरह बड़ा था

और बाकी का जननांग विकृत था।

एम्स ऋषिकेश स्त्री रोग विभाग की पुनर्निर्माण और कॉस्मेटिक स्त्री रोग इकाई के डॉ. नवनीत मग्गों

और उनकी टीम ने नर्व स्पेयरिंग रिडक्शन क्लिटोरोप्लासटी तकनीक के माध्यम से इसका सफल उपचार किया

इस युवती के लेबिया माइनोरा (लघु भगोष्ठ) का भी पुनर्निर्माण किया।

लगभग दो घंटे चली इस सर्जरी में चिकित्सकीय दल उसे एक सामान्य स्त्री रूप और अंजाम देने में सफल रही।

अब है वैवाहिक जीवन के लिये फिट

एम्स,ऋषिकेश के डॉक्टर ने बताया कि इस सर्जरी युवती को एक नया जीवन मिला है,

लिहाजा अब वह एक सामान्य यौन जीवन जी सकती हैं

और वैवाहिक जीवन के लिए पूरी तरह फिट है।

डा. नवनीत मग्गों ने बताया कि संस्थान में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की पुनर्निर्माण

और कॉस्मेटिक स्त्री रोग डिवीजन की स्थापना के बाद से

इस डिवीजन में पूरे देश से लगातार कई अन्य तरह के मामले पूर्व में भी रेफर होकर आ चुके हैं।

उन्होंने बताया कि इसकी वजह यह है कि स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की इस इकाई की स्थापना देश ही नहीं,

विश्व के किसी भी मेडिकल संस्थान में नहीं है,

एम्स ऋषिकेश में यह अपनी तरह की पहली डिवीजन खुली हैI

बढ़ेगा मेडिकल टूरिज्म और होगी विदेशी मुद्रा से आय

रिकंस्ट्रक्टिव एंड कॉस्मेटिक गाइनेकोलॉजी डिवीजन ने विश्व में पहली बार एम. सी. एच.कॉस्मेटिक गाइनेकोलॉजी शुरू की है

एम्स ऋषिकेश में स्थापित स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की इस डिवीजन की प्रशंसा भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी की है.

जल्द ही एम्स की इस इकाई की ओर से पूरे विश्व से मेडिकल टूरिज्म के माध्यम से विदेशी मरीजों का भी इलाज शुरू किया जाएगा।

जिससे एम्स ऋषिकेश उत्तराखंड और पूरे देश का नाम विश्व में रोशन करेगा।

इससे उत्तराखंड के नागरिकों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे,

जिससे प्रदेश को आर्थिक लाभ होगा और देश को विदेशी मुद्रा में आय मिल सकेगी।

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