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उत्तराखंड के लिए वरदान , 500ml “नैनो यूरिया” 45 किलो पारंपरिक यूरिया के बराबर

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( PRIYANKA SAINI )

देहरादून : प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने यमुना कालोनी स्थित आवास पर नैनो यूरिया तरल के वर्चुअल बैठक में मृदा स्वास्थ्य एवं पर्यावरण विषय पर बैठक की।

बैठक में मंत्री ने कहा कि नैनो यूरिया का उत्पादन उत्तराखण्ड कृषि के लिए वरदान साबित होगा।

इफको द्वारा नैनो यूरिया तरल रूप से वर्चुअल उद्घाटन करते हुये कृषि मंत्री ने कहा कि नैनो यूरिया की खोज उत्तराखण्ड की मृदा, स्वास्थ और पर्यावरण के स्वास्थ के लिए महत्वपूर्ण है।

विश्व में इफको द्वारा तरल नैनो यूरिया बिक्रय में पहला पेटेंट प्राप्त किया।

जिसके माध्यम से यूरिया को तरल रूप में लाया गया।

मंत्री ने कहा कि यह प्रयास आत्म निर्भर कृषि और आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड की दिशा में कार्य करेगा।
तरल रूप में 500 मि0 ली0, नैनो यूरिया 45 किलो यूरिया के बराबर कार्य करेगा।

इस उत्पाद के आने से यूरिया का उपयोग कम होगा और यूरिया उर्वरक पर दिये जाने वाले सब्सिडी में बचत होगी।

उत्तराखण्ड की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों, आवागमन की सुविधा के लिए नैनो यूरिया उत्पाद कृषको तक आसानी से पहूॅच सकेगा।

इससे कृषको के लागत में कमी आयेगी और सरकार पर यूरिया उत्पादन का दबाव कम होगा। आज उत्तराखण्ड के कृषको के लिए नैनो यूरिया का पहला ट्रक रवाना किया गया।

मंत्री ने कहा कि नैनो यूरिया (तरल) फसल उत्पादकता बढ़ाता है और पारंपरिक यूरिया की आवश्यकता को कम करता है।

इसके अलावा, नैनो यूरिया (तरल) के उपयोग से उपज, बायोमास, मृदा स्वास्थ्य और उत्पाद की पोषण गुणवत्ता में सुधार होता है।

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