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लाइलाज नहीं है “सफेद दाग”,जानिये क्या है ‘सच’ और क्या है “भ्रान्ति” – डॉ.वाईएस बिष्ट

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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’
-विश्व विटिलिगो दिवस पर हिमालयन हॉस्पिटल में चलाया गया जागरूकता अभियान
-लोगों को सफेद दाग के लक्षण, उपचार के साथ उससे जुड़े भ्रांतियों की जानकारी दी

देहरादून :- विश्व विटिलिगो (सफेद दाग) दिवस के मौके पर हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में जागरूकता अभियान चलाया गया। इस दौरान अस्पताल में आने वाले मरीजों सहित उनके परिजानों को इस रोग से जुड़ी भ्रांतियों के साथ उसके लक्षण व उपचार की जानकारी दी गई।

शनिवार को हिमालयन हॉस्पिटल के त्वचा रोग विभाग की ओपीडी में आने वाले लोगों को विटिलिगो (सफेद दाग) के विषय में जानकारी दी गयी।

वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. वाईएस बिष्ट ने बताया कि समाज में विटिलिगो से जुड़े कई मिथकों के कारण प्रभावित लोगों को अक्सर सामाजिक बहिष्कार का सामना भी करना पड़ता है। विटिलिगो व्यक्ति की दैनिक गतिविधियों को प्रभावित नहीं करता है

। इसे लेकर जागरूकता फैलाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विटिलिगो एक प्रकार का त्वचा विकार है, जिसे सामान्यतः ल्यूकोडर्मा के नाम से जाना जाता है।

इसमें शरीर की रंग बनाने वाली कोशिकाएं प्रभावित होती हैं। यह संक्रामक रोग नहीं है। डॉ. समरजीत रॉय ने बताया कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान के कारण सफेद दाग की रोक-थाम के लिए काफी विकल्प मौजूद हैं। कई मरीजों में सर्जरी से त्वचा प्रत्योरोपण से सफेद दाग का इलाज संभव है।

डॉ. साधना रतूड़ी ने कहा कि समाज में इस बीमारी से जुड़ी कुछ भ्रांतियां है जैसे खान-पान में सफेद चीजें जैसे दूध, दही, पनीर आदि का सेवन, यह एक कुष्ठ रोग और छूने से फैलता है, सफेद दाग का इलाज संभव नहीं है। सफेद दाग से जुड़ी ऐसे ही कई गलत धारणाएं हैं, इन्हें जागरुकता से ही दूर किया जा सकता है।

डॉ. अर्नव, डॉ. शीनम, डॉ. ऋतु, डॉ. अनुज ने ओपीडी में आने वाले मरीजों व उनके परिजनों को पोस्टर प्रदर्शनी के माध्यम से सफेद दाग के उपचार, लक्ष्ण व इससे जुड़ी भ्रांतियों के विषय में विस्तार से जानकारी दी।

 

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