
देहरादून ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : देहरादून पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो नेपाली यात्रियों को अपना शिकार बनाता था।
इस गिरोह के सदस्य, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं,अपने आप को नेपाली नागरिक बताकर यात्रियों का विश्वास जीतते थे।
देहरादून पुलिस के द्वारा इस गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है गिरफ्तार किये गये चार आरोपियों में से दो डोईवाला में रह रहे थे
अपराध की कहानी: एक यात्री का दुःखद अनुभव
8 जुलाई, 2024 को ऋषिकेश रेलवे स्टेशन के बाहर एक साधारण दिन असाधारण घटना में बदल गया।
नेपाल के धर्मराज मल्ल, जो अपने घर लौटने की प्रतीक्षा में थे, चार अनजान लोगों के जाल में फंस गए।
इन चारों ने खुद को नेपाली बताकर धर्मराज का विश्वास जीता और उन्हें एक ढाबे पर ले गए।
वहां, खाने में नशीला पदार्थ मिलाकर धर्मराज को बेहोश कर दिया गया और उनके पैसे चुरा लिए गए।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई: तकनीक और मानवीय खुफिया तंत्र का मेल
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून ने तुरंत कार्रवाई करते हुए विशेष टीमें गठित कीं।
पुलिस ने आधुनिक तकनीक और पारंपरिक खुफिया तंत्र का कुशलतापूर्वक उपयोग किया:
– सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच
– स्थानीय मुखबिर नेटवर्क का सक्रियण
– गहन सुरागरसी और पतारसी
इस रणनीति ने रंग लाया, और चारों अपराधी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार कर लिए गए, जब वे अगले शिकार की तलाश में थे।
अपराध का अनोखा तरीका: गिरोह के कामकाज का खुलासा
पूछताछ में अपराधियों ने अपने अनोखे मोडस ऑपरेंडी का खुलासा किया:
– पहले दिहाड़ी मजदूर के रूप में क्षेत्र की जानकारी हासिल करना
– यात्रा सीजन के अंत में लौटते धनी नेपाली गाइडों को निशाना बनाना
– महिला सदस्यों का उपयोग कर विश्वास जीतना
– खाने या शराब में नशीला पदार्थ मिलाकर शिकार को बेहोश करना
– पैसे और कीमती सामान चुराकर फरार हो जाना
यह खुलासा दर्शाता है कि गिरोह ने कितनी सावधानी से अपना जाल बिछाया था।
इस प्रकार, देहरादून पुलिस ने न केवल एक खतरनाक गिरोह को पकड़ा, बल्कि एक बड़े अपराध नेटवर्क का भी पर्दाफाश किया।
यह कार्रवाई पुलिस की दक्षता और समर्पण को दर्शाती है, जो आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करती है।
“डोईवाला से दगा:2 आरोपियों के जहरखुरानी गिरोह में शामिल होने का चौंकाने वाला खुलासा”
देहरादून पुलिस द्वारा पकड़े गए जहरखुरानी गिरोह के मामले में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है।
चार आरोपियों में से दो डोईवाला के निवासी निकले,जो इस अपराध की स्थानीय जड़ों को उजागर करता है।
सदानंद धमाला (38 वर्ष), जो प्रेमनगर बाजार डोईवाला में रह रहा था, और पूरण सिंह (40 वर्ष), जो मिस्सरवाला, डोईवाला का निवासी था, इस गिरोह के सदस्य पाए गए।
यह खुलासा स्थानीय समुदाय में गहरी चिंता का विषय बन गया है।
यह घटना दर्शाती है कि अपराधी न केवल बाहर से आते हैं, बल्कि हमारे बीच भी रह सकते हैं।
ये हैं जहरखुरानी गिरोह के 4 आरोपी
1- जमुना देवी पत्नी नरेश राणा निवासी काले की ढाल, ऋषिकेश मूल निवासी नगरपालिका कोलपुरी, थाना कोलपुरी, जिला बाँके, नेपाल, उम्र 33 वर्ष
2- सदानंद धमाला पुत्र नरदेव धमाला निवासी वार्ड न0 18, प्रेमनगर बाजार डोईवाला, मूल निवासी नगर पालिका कोलपुरी, थाना कोलपुरी, जिला बाँके, नेपाल, उम्र 38 वर्ष
3- पूरण सिह पुत्र राम सिह निवासी मिस्सरवाला, डोईवाला मूल निवासी ग्राम बाजरा, थाना जुड्डी, जिला बाजरा, नेपाल, उम्र 40 वर्ष
4- गगन बहादुर शाही पुत्र हंस बहादुर शाही निवासी ग्राम पचाल झरना, थाना पचाल झरना, जिला कालीकोट, नेपाल, उम्र 33 वर्ष