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डोईवाला “तहसील दिवस” में इतना सन्नाटा क्यूं है भाई ?

आपने हैडिंग बिल्कुल ठीक पढ़ी है।

आप जब हमारा वीडियो देखेंगे तो हकीकत आपके सामने होगी ,क्यूंकि कैमरा झूठ नहीं बोलता है।हमने आवाज में किसी भी तरह की कोई एडिटिंग भी नहीं की है।

आप हमारा वीडियो देखें।

डोईवाला : उत्तराखंड प्रदेश में अधिकारीयों की आम जनता के प्रति जवाबदेही और कार्यवाही को लेकर यदि तहसील दिवस को इसके पैमाने के तौर पर मापा जाये तो स्थिति बहोत अच्छी नजर नहीं आती है।

ऐसा ही हाल डोईवाला के आज के ‘तहसील दिवस ‘ में देखने को मिला।

बड़ी जनसँख्या वाली डोईवाला तहसील में आज इस मौके पर मात्र 7 फरियादियों की 9 फरियाद ही दर्ज हो पायी हैं।

इसके दो ही कारण हो सकते हैं या तो डोईवाला में “रामराज्य” आ गया जहां जनता को कोई तकलीफ नहीं है या फिर जनता का अधिकारीयों से विश्वास उठ गया है।

आज दोपहर 12:30 बजे जब “यूके तेज़” ने अपना कैमरा घुमाया तो सिर्फ और सिर्फ खाली कुर्सियां,अधिकारी के नाम पर एकमात्र नायब तहसीलदार पदम् दत्त नौटियाल नजर आये।

जबकि ऑफिसियल रिकॉर्ड के अनुसार तहसील दिवस पर अलग-अलग महकमों के 15 अधिकारी और कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज है।

ये रहे फरियादी –

बुल्लावाला की शिवानी ने गौरा देवी कन्या धन योजना की छात्रवृत्ति न मिलने,

ओमप्रकश काम्बोज ने बुल्लावाला के पुश्ते के निर्माण को भूमाफिया और असामाजिक तत्वों के द्वारा रुकवाने ,

जॉलीग्रांट की चित्रादेवी द्वारा भूमि में नाम दुरुस्त करवाने,

सभासद लक्ष्मी कौशल द्वारा बिजली के खम्बे,बच्चों के जाति प्रमाण-पत्र,

भारत भूषण कौशल द्वारा हिन्दू शमशान घाट निर्माण,

मुकेश द्वारा झबरावाला-बुल्लावाला मार्ग पर स्पीड ब्रेकर बनवाने की मांग की गयी।

माजरी के मनोज कुमार का भी पत्र प्राप्त हुआ है।

गौरतलब है कि उपजिलाधिकारी कुसुम चौहान केंद्रीय रक्षा मंत्री के प्रोटोकॉल में होने की वजह से तहसील दिवस में शामिल नहीं रही। 

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