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(विडियो) आजाद भारत के पहले सन्यासी सांसद स्वामी ब्रह्मानंद की 125वीं जयंती पर जुटे गोविंदाचार्य,उमा भारती,चिदानंद मुनि

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रजनीश सैनी 80770-62107

देहरादून : ऋषिकेश के ब्रह्मपुरी स्थित भगवान श्री राम तपस्थल आश्रम में स्वतंत्रता सेनानी,समाज सुधारक और

आजाद भारत के पहले सन्यासी सांसद स्वामी ब्रह्मानंद की 125वीं जयंती संत-महात्माओं और उनके अनुयायियों के द्वारा भावपूर्ण स्मरण कर मनायी गयी।

उत्तर-प्रदेश के हमीरपुर जिले की राठ तहसील में जन्में शिवदयाल लोधी ने 24 वर्ष की आयु में संन्यास ले लिया और लोधी समाज में अवंति बाई लोधी के बाद सबसे बड़े नाम के रूप में स्वामी ब्रह्मानन्द के नाम से विख्यात हुए।

आप विडियो देखियेगा :—-

क्या कहा उमा भारती ने :—-

नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री रही,उमा भारती ने कहा कि देश की आजादि की लड़ाई,गौ रक्षा आंदोलन और शिक्षा के क्षेत्र में स्वामी ब्रह्मानंद का अविस्मरणीय योगदान है।

उन्होंने अशिक्षा,पिछड़ेपन,अंधविश्वास के खिलाफ महत्वपूर्ण कार्य किये हैं।

हमीरपुर से दो बार सांसद बनने वाले वे पहले स्वामी थे।

क्या कहा गोविंदाचार्य ने :—-

प्रखर वक्ता और विचारक के.एन. गोविंदाचार्य ने कहा कि स्वामी ब्रह्मानंद का जीवन देश और समाज के प्रति समर्पित रहा है।

ऐसे ही महापुरुष एक प्रेरणा पुंज के रूप में अमर होकर सदैव राह दिखाते हैं।

उन्होंने कहा कि किसी गरीब विद्यार्थी की मदद,कुरीति के खिलाफ प्रहार,पारिवारिक-सामाजिक जीवन में संतुलन बनाते हुये आगे बढ़ना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

“लोभी नही है लोधी समाज”-स्वामी चिदानंद मुनि  :—

परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द मुनि ने कहा कि,”लोभी नही है लोधी समाज”

उन्होंने कहा कि अपने जीवन को लोक कल्याण को समर्पित करने वाले ही सच्चे संत होते हैं।

स्वामी ब्रह्मानंद का सम्पूर्ण जीवन प्रेरणा से भरा हुआ है।उन्होंने समाज सुधार और शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया है।

उन्होंने “सिंगल यूज़ प्लास्टिक” के खिलाफ अनुयायियों से हाथ खड़े करवाकर आह्वान भी किया। 

दिव्य प्रेम सेवा मिशन के प्रणेता आशीष गौतम और महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास ने भी अपना संबोधन दिया।

श्री राम की तपस्थली है ब्रह्मपुरी का ये आश्रम :—

अपने संबोधन में महामंडलेश्वर स्वामी दयाराम दास ने बताया की ऋषिकेश के ब्रह्मपुरी स्थित यह आश्रम वही स्थान है जहां भगवान श्री राम ने तप किया था।

इसका दूसरा महत्त्व यह है कि श्री मदभागवत में उल्लेखित यही वो स्थान है जहां नारद मुनि जी को ज्ञान,वैराग्य और भक्ति की कथा सुनायी गयी थी ,इस स्थान को “आनंद घाट” के नाम से भी जाना जाता है।

दिव्य प्रेम सेवा मिशन के प्रणेता आशीष गौतम ने भी स्वामी ब्रह्मानंद के जीवन को अनुकरणीय बताते हुए उस पर प्रकाश डाला।

इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती,चिंतक और विचारक के.एन. गोविंदाचार्य,परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद मुनि,दिव्य प्रेम सेवा मिशन के आशीष गौतम,

एडवोकेट रामेश्वर लोधी,पूर्व ब्लॉक प्रमुख नगीना रानी,सभासद सुनीता सैनी,अवतार सैनी,ज्योति सजवाण,संजीव लोधी,

नरेंद्र नेगी,रूपचंद लोधी,वेद प्रकाश कंडवाल,राकेश लोधी,विजय बख्शी,प्रियंका सैनी,गुलाब सिंह, सोनू गोयल,प्रकाश कोठारी और संत महात्मा बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। 

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