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देहरादून :पिछले लंबे समय से डोईवाला सरकारी हॉस्पिटल में कुत्ते के काटने पर लगने वाले एंटी-रेबीज इंजेक्शन का टोटा चल रहा है।
हालात लगातार बद से बदतर होते जा रहे हैं।
जिसके चलते डोईवाला की आम जनता में भारी रोष व्याप्त है।
कोढ़ में खाज जैसे हैं हालात :—
यूं तो मरीज कुत्ते के काटने पर डोईवाला सरकारी हॉस्पिटल का रुख करता है
लेकिन यहां इंजेक्शंन न मिलने पर वो दून हॉस्पिटल जाता है।
ये इंजेक्शन वहां भी उपलब्ध नही है।
मेडिकल स्टोर पर भी ये इंजेक्शन आसानी से उपलब्ध नही है।
ऐसे में मरीज और उसके तीमारदार कुत्ते और सरकार दोनों की दोहरी मार झेल रहे हैं।
जनता का पड़ा दबाव तो 2 घंटे में हुआ जुगाड़ :–
सामाजिक कार्यकर्ता भारत भूषण पेले ने बताया कि आज प्राथमिक विद्यालय केशवपुरी की एक छोटी बच्ची के एक पागल कुत्ते ने काट लिया।
जब हॉस्पिटल आये तो उन्होंने इंजेक्शन के लिए मना कर दिया
लेकिन जब उनके द्वारा दबाव बनाया गया तो मात्र 2 घंटे में एंटी रेबीज इंजेक्शन का इंतजाम हो गया।
सामाजिक कार्यकर्ता महेंद्र चौहान ने कहा कि,” जब मुख्यमंत्री की वीआईपी विधानसभा का ये हाल है तो पुरे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवा का तो भगवान ही मालिक है।”
स्थानीय व्यक्ति सुरेंद्र बाली का कहना है कि ,”एंटी-रेबीज इंजेक्शन न डोईवाला हॉस्पिटल न दून हॉस्पिटल में मिल पा रहे हैं।
बड़ी मुश्किल से ढूंढ-ढूंढ़कर ला रहे हैं।
हमारी सरकार पता नही क्या कर रही,निकम्मी सी हो गयी है। ”
राजकीय संयुक्त चिकित्सालय के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट कुंवर सिंह भंडारी ने बताया कि उनके पास एंटी रेबीज इन्जेक्शंन जिला हॉस्पिटल से आते हैं।
आजकल इन इंजेक्शन की शॉर्टेज चल रही है। ”
हाल-ए-वीआईपी विधानसभा :—-
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की वीआईपी विधानसभा में इस कमी को लेकर अब जनता का गुस्सा जाहिर होने लगा है।
डोईवाला स्थित राजकीय संयुक्त चिकित्सालय (सरकारी हॉस्पिटल) में एक दिन में कभी-कभी,तीन-तीन मरीज कुत्ते के काटने पर आ रहे हैं
लेकिन इंजेक्शन न हो पाने के कारण उन्हें दर-दर भटकना पड़ रहा है।