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टिहरी की 17 वर्षीय लड़की का ऑपरेशन कर बनाया योनिमार्ग,हिमालयन के डॉक्टरों ने किया जटिल ऑपरेशन

छह घंटों से भी अधिक समय तक चले जटिल ऑपरेशन में किया नए योनिमार्ग का निर्माण 

जन्म से योनिमार्ग का न होना प्रति 4000-5000 में से एक लड़की को हो सकता है।

 इस तकनीक से बने योनिमार्ग से सफल यौन सम्बन्ध का प्रतिशत 70-80% तक

देहरादून :इसे मेडिकल साइंस की उपलब्धि ही कहा जायेगा जब जन्म से गलत स्थान पर मलद्वार और योनिमार्ग न होने की स्थिति को जॉलीग्रांट हॉस्पिटल के डॉक्टरों की टीम ने जटिल ऑपरेशन कर ठीक कर दिया।

स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित हिमालयन हाॅस्पिटल में 17 वर्षीय युवती की बॉवेल वैजाइनोप्लास्टी सर्जरी के द्वारा योनिमार्ग बनाया गया।

 संभवतः इस तरह का यह उत्तराखण्ड का पहला ऑपरेशन है।

हिमालयन हाॅस्पिटल के बाल शल्य विभाग के चिकित्सक डॉ सन्तोष कुमार ने बताया कि टिहरी की 17 वर्षीय सुनीता (काल्पनिक नाम) को कई जन्मजात समस्याएँ थीं।

जिसमें उसका मलद्वार गलत जगह पर था, जिसकी वजह से उसे मल निकास में तकलीफ रहती थी।

इसी दौरान यह भी पाया गया की सुनीता को योनिमार्ग (वेजाइना) भी जन्म से ही नहीं था।

इसे मेडिकल भाषा में “वेजाइनल अजेनेसिस” कहा जाता है।

इससे उसे मासिक धर्म के दौरान बहुत तकलीफ होती थी क्योंकि योनिमार्ग न होने से रक्त बाहर नही निकल पाता था।

इलाज के पहले चरण में उसके मलद्वार को सही जगह पर पुनर्स्थापित किया गया।

छह माह बाद दूसरे ऑपरेशन की योजना पर काम शुरू हुआ। इलाज का दूसरा चरण काफी चुनौती भरा था।

उसका नया योनिमार्ग बनाने के लिए सभी संभावनाओं पर विचार करने के बाद बड़ी आंत से योनिमार्ग बनाने का निश्चय किया गया।

छह घंटों से भी अधिक समय तक चले जटिल ऑपरेशन में बड़ी आंत (सिग्मोइड कोलन) के एक हिस्से से नए योनिमार्ग का निर्माण किया गया।

इसे “बॉवेल वैजाइनोप्लास्टी” कहते हैं।

सुनीता अब एकदम ठीक है और अब वह एक सामान्य जीवन व्यतीत कर सकेगी।

ऑपरेशन टीम में डॉ सन्तोष के अलावा डॉ आइशा व डॉ अंकित व एनेस्थीसिया टीम में डॉ गुरजीत व डॉ वंदना थे ने सहयोग दिया।

क्या है “वेजाइनल अजेनेसिस”
हिमालयन अस्पताल के बाल शल्य-चिकित्सक डॉ सन्तोष कुमार ने बताया कि “वेजाइनल अजेनेसिस” यानि योनिमार्ग का जन्म से ही न होना एक असामान्य घटना है।

जो 4000-5000 लड़कियों में एक को हो सकती है।

आमतौर पर इसका पता बाद में चलता है जब किशोरावस्था तक भी लड़की को मासिक धर्म शुरू नहीं होता है। ज्यादातर मामलों में इसके साथ और भी विसंगतियां हो सकती हैं। खासकर गुर्दों या हड्डियों की। अतः इनकी जांच भी जरूरी होती है।

क्या है “बॉवेल वैजाइनोप्लास्टी”

हिमालयन अस्पताल के डॉ सन्तोष कुमार ने बताया कि वेजाइनल अजेनेसिस का उपचार ऑपरेशन से ही संभव है जिसके कि कई तरीके मौजूद हैं।

काफी मामलों में मरीज की जांघ या नितम्ब से त्वचा निकल कर उससे योनि मार्ग बनाया जा सकता है। इसके अलावा और भी तरीके हैं जिनसे योनिमार्ग बनाया जा सकता है।

“बॉवेल वैजाइनोप्लास्टी” में ज्यादातर मामलों में बड़ी आंत से योनिमार्ग बनाया जाता है। छोटी आंत भी इस्तेमाल की जा सकती है पर उसमे बाद में ज्यादा उलझनें होती हैं।

अधिकांश शल्य-चिकित्सक बड़ी आंत का उपयोग करते हैं। इस तकनीक से बनायी गयी योनि लगभग प्राकृतिक योनि जैसी ही होती है और इसलिए इस तरीके से बनाये योनिमार्ग में सफल यौन सम्बन्ध का प्रतिशत 70-80% तक पाया गया है।

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