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चर्चा में डोईवाला चीनी मिल,सुगर मिल में “चौतरफा तरक्की”,टूट रहे पुराने रिकॉर्ड

डोईवाला सुगर मिल के नये अधिशासी अधिकारी डीपी सिंह द्वारा योजनाबद्ध तरीके से मिल और कृषकों के हित में कार्य किया जा रहा है.
एक प्रभावशाली योजना बनाने से लेकर उसे धरातल पर उतारने को वह निरंतर कार्य कर रहे हैं.
ऐसा प्रतीत होता है मानों डोईवाला सुगर मिल को नये ईडी डीपी सिंह के रूप में उसे एक नया शिल्पकार मिल गया हो.
> नये अधिशासी निदेशक की प्लानिंग और इम्प्लीमेंटेशन का असर
> पीसीएस अधिकारी डीपी सिंह हैं डोईवाला सुगर मिल के नये ईडी
>सूबे की अन्य मिल की तुलना में सुगर मिल की बेहतर परफॉरमेंस
>कैंटीन,विश्राम गृह,स्वच्छ पेयजल,शौचालय से किसान भी हैं खुश
>पिछले साल 90.28 के मुकाबले 95.86 % क्षमता से हो रहा काम
> पिछले साल 8.64 के मुकाबले पेराई सत्र में 9.01 % चीनी रिकवरी
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रजनीश प्रताप सिंह तेज

देहरादून :   रंग ला रही “डीपी सिंह” की कवायद

Doiwala Sugar Company Limited डोईवाला सुगर कंपनी लिमिटेड एक बार फिर से चर्चा में है.

बीते साल 31 अगस्त को पीसीएस अधिकारी डीपी सिंह ने मिल के निदेशक पद का कार्यभार संभालने के साथ ही मिल में Better Work Culture बेहतर कार्यसंस्कृति विकसित करने के साथ ही Development विकास और गन्ना कृषकों के हित में कार्य शुरू किये.

यदि आंकड़ों पर विश्वास किया जाये तो आज ईडी डीपी सिंह की कवायद रंग ला रही है.

हवाई किले नही बल्कि मजबूत,दमदार आंकड़े

“मिल बंदी” में कामयाबी का सेहरा

Achievement in Hours Lost Down Time To Date

गन्ना पेराई के इस सत्र में जहां बाजपुर चीनी मिल में 86.45 घंटे,सितारगंज मिल 124.45 घंटे,किच्छा मिल 138.30 घंटे तथा नादेही मिल में 208.29 घंटे मिल बंदी हो चुकी है.

वहीं मिल प्रबंधन के कुशल नेतृत्व के चलते डोईवाला चीनी मिल में मात्र “4” घंटे ही मिल बंदी हुई है जबकि इसी डोईवाला चीनी मिल में पिछले साल 40.45 घंटे मिल बंदी रही है.

यानि मिल बंदी के मोर्चे पर सुगर मिल ने 10 गुना बढ़त बनाई है.

पेराई क्षमता का भरपूर उपयोग Plant Capacity Utilization (%) To Date

वर्ष 2021-2022 में जहां सुगर मिल अपनी क्षमता के 90.28 % पर कार्य कर रही थी वहीं इस बार के अभी तक के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2022-23 में वर्तमान में मिल 95.86 % पर कार्य कर रही है.

यानि गत पेराई सत्र के मुकाबले 05.58 % अधिक क्षमता से काम कर रही है.

वही सितारगंज मिल 75.43% , किच्छा मिल 76.36% ,चीनी मिल बाजपुर 78.67% और नादेही मिल 88.13% पर कार्य कर रही है.

पिछले साल जहां चीनी की रिकवरी 8.64 % रही है वहीं इस पेराई सत्र में अभी तक चीनी रिकवरी बढ़कर 9.01 % हो गयी है.

वर्ष 2021-22 पेराई सत्र में 73380 सुगर बैग के मुकाबले इस वर्ष 76900 सुगर बैग तैयार हुये हैं.

यानि 3520 सुगर बैग का इजाफा हुआ है.

इस प्रकार पिछले पेराई सत्र की अपेक्षा 3 दिन पहले 9100 कुंटल कम गन्ना पेराई कर 3520 कुंटल अधिक चीनी का उत्पादन किया गया है.

तीसरी नजर से हर खबर

सुगर मिल के अधिशासी निदेशक है डीपी सिंह के द्वारा मिल में इस वर्ष बड़ी संख्या में सीसीटीवी कैमरे मिल के भिन्न-भिन्न स्थानों पर लगवाए गए हैं.

इन कैमरों के द्वारा महत्वपूर्ण स्टेशनों की प्रभावशाली मॉनिटरिंग की जा रही है और मिल की सुरक्षा पर पैनी नजर रखी जा रही है.

अधिशासी निदेशक अपने अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए 24 घंटे मिल की प्रत्येक गतिविधि पर अपनी नजर रख रहे हैं.

गन्ना किसानों में “फील गुड फैक्टर”

इस पेराई सत्र में डोईवाला के गन्ना किसानों में खुशी की लहर देखने को मिल रही है.

पिछले कई सालों से मिल में गन्ना लेकर आने वाले कृषकों को गन्ना तौल करवाने और उसके बाद बुग्गी अथवा ट्रॉली से गन्ना खाली करवाने के लिए 24 घंटे से 48 घंटे तक इंतजार करना पड़ता था.

बरसात हो या जाड़ा हो कृषकों के लिए कोई विश्रामगृह की व्यवस्था ना होने ,यार्ड में अत्यधिक कीचड़ होने ,स्वच्छ पेयजल का अभाव और शौचालय इत्यादि की व्यवस्था ना होने से अक्सर किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता था.

नए अधिशासी निदेशक डीपी सिंह के द्वारा पदभार ग्रहण करने के बाद मिल हित और कृषक हित में योजनाबद्ध तरीके से काम करवाए गए हैं.

पेराई सत्र शुरू होने से पहले ही मिल में गन्ना किसानों के लिए विश्राम गृह ,पक्का केन यार्ड, स्वच्छ पेयजल, शौचालय ,कैंटीन इत्यादि की व्यवस्था करवाई गई है.

जिसके चलते गन्ना किसान कुछ ही घंटों में अपने ट्रैक्टर की ट्रॉली से गन्ना खाली करवाकर समय से अपने घर पहुंच रहे हैं.

वहीं क्रय केंद्रों से गन्ना परिवहन करने वाले ठेकेदार भी काफी प्रसन्न नजर आ रहे हैं.

जिसके चलते सुगर मिल को भी ताजा गन्ना प्राप्त हो रहा है.

डोईवाला के किसानों में खुशी की लहर और कर्मचारियों में उत्साह देखने को मिल रहा है.

पिछले कई सालों से गन्ने के ट्रकों के जाम से परेशान देने वाली डोईवाला की जनता और व्यापारी भी अब इस परेशानी से निजात पा रहे हैं.

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