
डोईवाला में किसानों के द्वारा “भारत बंद” का व्यापक असर देखने को मिला
सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे
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-रजनीश सैनी
देहरादून : किसानों ने चौक बाजार पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ धरना देकर केंद्र सरकार से कानून वापस लेने की मांग की ।
देश के ऐतिहासिक दिन सरदार भगत सिंह की जयंती पर संयुक्त किसान मोर्चा डोईवाला ने उनके चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
केंद्र सरकार द्वारा अन्नदाताओं के खिलाफ लाये गये तीन काले कानूनों के खिलाफ डोईवाला बाजार में बन्द की अपील का व्यापक असर रहा ।
डोईवाला में स्थानीय व्यापारियों , बार एशोसिएशन डोईवाला के अधिवक्ता गण, ट्रांसपोर्टर और शुगर मिल श्रमिक यूनियन आदि संगठनों द्वारा संयुक्त किसान मोर्चे को भारत बंद में सहयोग मिला
आज सुबह किसान डोईवाला शुगर मिल पर एकत्रित हुये जहां से वो किसान नेता हरेन्द्र बालियान के नेतृत्व में चौक बाजार तक रैली के रूप में आये
इस दौरान वे केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए डोईवाला चौक धरना स्थल पर पहुंचे ।
किसान सभा के जिलाध्यक्ष दलजीत सिंह की अध्यक्षता में चौक बाजार डोईवाला पर संयुक्त किसान मोर्चे ने धरना देकर केंद की किसान विरोधी नीतियों का जमकर विरोध किया
धरने को सम्बोधित करते हुए किसान सभा के जिलाध्यक्ष दलजीत सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा किसानों के खिलाफ लाये गये
तीन काले कानूनों को सरकार द्वारा चोर दरवाजे से संसद में पारित कराकर
आज ही के दिन 27 सितम्बर 2021 को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर कराकर इन विधेयकों को कानून का रूप दिया।
आज का दिन किसानों के लिए इतिहास का काला दिन साबित होगा इसी के विरोध में आज पूरे भारत मे किसानों ने भारत बंद का एलान किया
किसान कांग्रेस के नेता मोहित उनियाल ने कहा कि देश मे आज सरकार की हिटलरशाही चल रही है जो किसानों के आंदोलन को कुचलने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं
लेकिन आज देश का किसान जाग उठा ये आंदोलन एक निर्णायक आंदोलन साबित होगा
धरने को किसान सभा के प्रांतीय महामंत्री गंगाधर नौटियाल ने सम्बोधित करते हुए कहा कि 10 माह से देश का अन्नदाता दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहा है
और लगभग 800 किसानों की शहादतें हो चुकी लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही
उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे सरकार का रवैया किसानों के खिलाफ कदम उठा रहा वैसे वैसे ही देश मे किसान एकजुट हो रहा है ।
धरने को किसान यूनियन के प्रदेश महासचिव रणबीर सिंह चौहान व किसान मोर्चे के अध्यक्ष ताजेन्द्र सिंह ने सम्बोधित करते हुए कहा कि
यदि समय रहते केंद्र सरकार इन काले कानूनों को वापस नहीं लेती तो आने वाले प्रदेश व केंद्र के चुनावों में
किसान व मजदूर एव छोटे व्यापारी मिलकर इनको सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने का काम करेंगे
धरने को बलबीर सिंह,ज़ाहिद अंजुम, उमेद बोरा ,सुरेंद्र सिंह खालसा, गुरदीप सिंह, अश्विनी त्यागी, गुरविंदर सिंह बॉबी, किसान कोंग्रेस जिलाध्यक्ष इंदरजीत सिंह,
गौरव चौधरी,मनोज नौटियाल,सपा नेता फुरकान अहमद कुरेशी, हरेन्द्र बालियान,मधु थापा, राहुल सैनी,याक़ूब अली, हरविंदर सिंह गोगी,
यूकेडी के नेता सेमवाल जी एडवोकेट संजय पुंडीर ,आदि ने भी सम्बोधित किया ।
धरने में रंगकर्मी सतीश धोलाखण्डी व उसके साथियों द्वारा जनगीत गाकर समां बांधा धरने के अंत मे केन्द्र
सरकार का पुतला फूंक कर सरकार की नीतियों का विरोध किया ।
इस धरने में मुख्य रूप से सुभाष बालियान, गुरपाल सिंह, हरजिंदर ,जसबीर सिंह, उस्मान ,कमल अरोड़ा,हरबंस, अनूप पाल, सरजीत सिंह, पूरण सिंह, नरेंद्र सिंह, सत्तार,
जरनैल सिंह,जसवंत सिंह,परमजीत सिंह, भगवान सिंह, रणजोध सिंह, सतनाम सिंह, नईम अहमद, राजबीर, गोपाल शर्मा, राहुल सैनी,अनीस कुरेशी,
महेंद्र कंबोज,मोंटी सिंह, प्रदीप बंग, त्रिलोक सिंह, रहमान,अजीत सिंह ,हाजी अमीर हसन आदि सैकडों किसान नेता शामिल हुए ।