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इंटरनेशनल बैंड “बीटल्स” की कर्मस्थली “चौरासी कुटिया” को लेकर पीएम मोदी को लिखा पत्र : सतपाल महाराज

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देहरादून : विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के नाम से प्रसिद्ध योग नगरी ऋषिकेश के समीप स्थित चौरासी कुटिया आश्रम के रख रखाव की जिम्मेदारी

उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद को दिए जाने के लिए प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है।

Satpal Maharaj,Cabinet Minister of Utttarakhand

प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने लिखा है कि

देवभूमि उत्तराखंड में स्थित चौरासी कुटिया आश्रम है जो ऋषिकेश के समीप स्वर्गाश्रम क्षेत्र विकासखंड यम्केश्वर जनपद पौड़ी गढ़वाल में स्थित है ।

चौरासी कुटिया की स्थापना हेतु भूमि वन विभाग से लीज पर ली गई थी जो कि वर्ष 1998 तक आश्रम के अधीन रही।

उन्होंने बताया कि चौरासी कुटिया में 130 दोमंजिल ध्यान कुटियायें व 84 आधुनिक ध्यान कुटिया पर्यटकों के लिये निर्मित थी, जिस कारण इस आश्रम को चौरासी कुटिया के नाम से जाना जाता था।

उत्तराखंड सरकार द्वारा वर्ष 2015 में आश्रम को पर्यटक को हेतु वर्तमान में वन विभाग द्वारा देश-विदेश के सैलानियों के लिए खोल दिया गया।

श्री सतपाल महाराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखें अपने पत्र में विश्व प्रसिद्ध द बीटल्स रॉक बैंड द्वारा फरवरी 1968 में ऋषिकेश की यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि चौरासी कुटिया आश्रम बीटल्स की कर्मभूमि रही है।
बीटल्स रॉक बैंड द्वारा ऋषिकेश में 48 गीत लिखे जो वाइट एलबम, एबी रोड एवं रेलो सबमरीन में संकलित हैं।
सर जॉर्ज हैरिसन द्वारा माई स्वीट गाने में हरे कृष्णा हरे रामा और गुरु ब्रह्मा श्लोक का समावेश किया गया है।

प्रधानमंत्री से आग्रह करते हुए पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि चौरासी कुटिया पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र बने इसके लिए हम अथक प्रयास कर रहे हैं,

इस दिशा में हम बीटल्स स्टोरी, लिवरपूल स्थित संग्रहालय से करार करने के लिए भी प्रयासरत हैं।

उन्होंने पत्र में कहा कि पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा ‘अपनी धरोहर अपनी पहचान’ योजना के अंतर्गत भी उत्तराखंड राज्य के अन्य महत्वपूर्ण स्थलों के अंतर्गत इस स्थान को भी सम्मिलित किया गया है।

पर्यटन विकास तथा स्थानीय आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए बिना पर्यावरण को क्षति पहुंचाए इस आश्रम के खाली पड़े हुए भवनों को उपयोगी बनाया जा सकता है तथा

पुनः भावातीत ध्यान योग ( Transcendental Yoga ) केंद्र के प्रशिक्षण की स्थापना की जा सकती है,

 जिससे वहां पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के एक संग्रहालय की स्थापना के साथ-साथ अन्य पारिस्थितिकीय पर्यटन गतिविधियों का भी विकास करवाया जा सकता है।

प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री ने कहा कि राजा जी उद्यान के अंतर्गत स्थित चौरासी कुटिया वर्तमान में वन विभाग के अधीन है जो रख रखाव के अभाव में जीर्ण-शीर्ण हो गई है।

इसलिए मेरा अनुरोध है कि इसके रखरखाव की जिम्मेदारी उत्तराखंड पर्यटन विकास को सौंपी जाए, ताकि इसे अंतरराष्ट्रीय गंतव्य के रूप में विकसित कर विश्व धरोहर में सम्मिलित किया जा सके।

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