चूर्ण पैकेट से निकले “मनोरंजन बैंक” नोटों पर “महात्मा गाँधी” की तस्वीर पर आपत्ति,दिया नोटिस
Objection to the picture of "Mahatma Gandhi" on "Manoranjan Bank" notes found in powder packet, notice given

हरिद्वार,7 सितम्बर 2025 ( रजनीश प्रताप सिंह तेज ) : चूर्ण के पैकेटों से निकलने वाले “मनोरंजन बैंक” के नोटों पर “महात्मा गाँधी” की फोटो को लेकर विवाद खड़ा हो गया है.
इसे लेकर बाकायदा एक नोटिस 22.08.2025 को भेजकर सरकार से रोक लगाने की मांग की गयी है.
नोटिस में देश के कानून को आधार बनाकर कार्रवाई करने को कहा गया है.
क्या है मामला,क्यूँ उठी आपत्ति ?
दरअसल चूर्ण के कुछ पैकेट में कुछ नोट निकलते हैं.
इन पर “मनोरंजन बैंक” लिखा होता है.
ये देखने में लगभग असली नोट जैसे ही दिखायी देते हैं.
यदि कोई गौर न करे तो इन नोट को असली समझने की भूल भी कर सकता है.
असली विवाद की जड़ है इन नोटों पर छपी “महात्मा गाँधी” की तस्वीर.
किसने उठायी आपत्ति ?
हरिद्वार के एडवोकेट कमल भदोरिया,एलएलबी के छात्र चेतन भदोरिया और राव मुजीब खान ने आपत्ति उठायी हैं.
इन्होने अपने वकील अरुण भदोरिया (एडवोकेट) के माध्यम से एक क़ानूनी नोटिस भेजा है.
ये नोटिस वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister,Nirmala Sitaraman) और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister,Pushkar Singh Dhami) को भेजा है.
नोटिस के माध्यम से की मांग
नोटिस में 30 दिनों के भीतर उत्तराखंड सहित पूरे देश में इस बाबत कार्रवाई की मांग की गयी है.
कहा गया कि महात्मा गांधी की तस्वीर वाले इन नकली नोटों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाए.
इसके साथ ही, इन नोटों को बनाने वाली फैक्ट्रियों को सील करके तुरंत बंद कराया जाए.
और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए.
महात्मा गाँधी का महान योगदान बतलाया
नोटिस में देश की आजादी में महात्मा गाँधी के योगदान का स्मरण कराया गया है.
कहा गया कि उन्होंने आजादी के लिए अहिंसा और सत्य का मार्ग अपनाया था.
बिना हथियार उठाए अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी.
उनके आंदोलनों में रोलेट एक्ट (1919), असहयोग आंदोलन (1920-22), नमक सत्याग्रह (1930) और भारत छोड़ो आंदोलन (1942) शामिल हैं.
महात्मा गाँधी ने समाज सुधार के लिए छुआछूत और जातिवाद के खिलाफ भी अभियान चलाया था.
ये हैं आपत्ति के 3 बड़े कारण
नोटिस के अनुसार,
(1) बच्चों के खिलौनों और चूर्ण के पैकेटों में मिलने वाले ये नकली नोट (10, 20, 50, 100 और 500 रुपये ) असली नोटों से काफी मिलते-जुलते हैं
(2) हालांकि इन नोटों पर ‘केवल खेल हेतु’ जैसे शब्द लिखे होने के बावजूद,
ये बच्चों को असली और नकली नोट में फर्क समझने में भ्रमित कर सकते हैं
(3) महात्मा गांधी जैसी महान हस्ती की तस्वीर का इस तरह से उपयोग करना उनकी गरिमा को ठेस पहुँचाता है
और देशवासियों की भावनाओं को आहत करता है.
कानून में है प्रतिबंध का प्रावधान
नोटिस में बताया गया कि भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) के तहत यह अपराध है
धारा 489E इसे अपराध बनाती है
अगर किसी चूर्ण, विज्ञापन, पोस्टर या किताब पर असली नोट जैसी छवि छापी जाती है, भले ही वह असली मुद्रा न हो, तो भी यह अपराध माना जाएगा.