हाल ही में गृह मंत्रालय भारत सरकार के अधीन पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो के द्वारा देश भर के पुलिसिंग के बेहतर कार्यों में उत्तराखंड पुलिस के कार्यों की सराहना की गयी है.
> BPR&D ने किया उत्तराखंड पुलिस के कार्यों का उल्लेख
> देश भर के पुलिस संगठनों के 30 कार्यों को किया है शामिल
> “ऑपरेशन मुक्ति”,”स्मार्ट चीता पुलिस” व महिला हेल्प डेस्क
> डीजीपी अशोक कुमार ने दी है सभी पुलिसकर्मियों को बधाई
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रजनीश प्रताप सिंह ‘तेज’
देहरादून :
पीएम मोदी की “SMART” पुलिस की परिकल्पना
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने SMART (S-Sensitive & Strict, M-Modern with Mobility, A-Alert & Accountable, R- Reliable & Responsive, T-Trained & Techno-Savvy ) पुलिस की अवधारणा दी है.
उस दिशा में पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPR&D), गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने देश भर के विभिन्न राज्यों की पुलिस और अन्य पुलिस संगठनों के द्वारा किए जा रहे.
अच्छे कार्यों पर एक किताब “स्मार्ट पुलिसिंग की उत्तम कार्यप्रणालियां (Best Practices on Smart Policing)” प्रकाशित किया है.
इसमें देश भर के पुलिस संगठनों के पुलिसिंग विषयक उल्लेखनीय कार्यों के कुल तीस चुनिंदा कार्यों को शामिल किया गया है.
उत्तराखंड पुलिस के इन कार्यों की हुई सराहना
पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो द्वारा प्रकाशित “स्मार्ट पुलिसिंग की उत्तम कार्यप्रणालियां” के ताजा संस्करण में उत्तराखण्ड पुलिस की बाल भिक्षावृत्ति की प्रभावी रोकथाम एवं भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों के पुनर्वास हेतु चलाए गए “ऑपरेशन मुक्ति”, स्मार्ट पुलिसिंग हेतु स्मार्ट चीता पुलिस की तैनाती और महिलाओं की थानों में पहुंच को और अधिक सुगम बनाने के लिए समस्त थानों में महिला हेल्प डेस्क स्थापित करने की मुहीम पर विस्तृत आलेख प्रकाशित हुआ है.
क्या है उत्तराखंड पुलिस का “ऑपरेशन मुक्ति”
उत्तराखंड पुलिस द्वार अभियान की थीम ’’भिक्षा नहीं, शिक्षा दें’’व “Educate a child” है.
उत्तराखंड पुलिस के ’’ऑपरेशन मुक्ति’’ अभियान का उद्देश्य विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के साथ Integrated Drive चलाकर प्रभावी Enforcement के माध्यम से बच्चों द्वारा की जा रही भिक्षावृत्ति की प्रभावी रोकथाम करना, भिक्षा न दिये जाने के सम्बन्ध में जनता को जागरूक करना, भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को शिक्षा हेतु प्रेरित करना व उनके पुनर्वास हेतु नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करना है.
अभियान के अन्तर्गत भिक्षावृत्ति से हटाकर कुल 1430 बच्चों का स्कूल/डेकेयर होम में दाखिला कराया गया है.
“स्मार्ट चीता पुलिस” और “महिला हेल्प डेस्क”
चीता पुलिस को स्मार्ट बनाये जाने, उनकी कार्य क्षमता एवं दक्षता को बढ़ाये जाने के लिए कुल 148 (30 महिला व 118 पुरूष) कर्मियों को एक माह का प्रशिक्षण देकर उनकी वर्दी में अतिरिक्त उपकरण जैसे- बॉडी ऑन कैमरा, मल्टीपल बैल्ट, शॉर्ट रेन्ज आर्म्स देकर 24 फरवरी 2021 को जनपद देहरादून में तैनात किया गया.
महिला सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए प्रत्येक थाने में महिला हेल्प डेस्क स्थापित किये गये हैं। महिला सम्बन्धी एवं अन्य प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्यवाही हेतु इन डेस्क की स्थापना की गयी है.
डीजीपी अशोक कुमार ने दी शुभकामनायें
अशोक कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने इस उपलब्धी के लिए समस्त पुलिसजनों को शुभकामनाएं दी उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की SMART Policing (स्मार्ट पुलिसिंग) की अवधारणा पर उत्तराखण्ड पुलिस अग्रसर है.
उत्तराखण्ड पुलिस ने अपने व्यवसायिक कर्त्वय के साथ ही अपने मानवीय एवं नैतिक कर्त्वयों का भी निर्वहन कर पुलिस की छवि को बहुत निखारा है। हमारा उद्देश्य हमेशा ही पीड़ित केन्द्रित एवं जन केंद्रित पुलिसिंग है। हमें इस छवि को बनाये रखना है.