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( Priyanka Saini )
देहरादून : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में कॉर्डियो थोरेसिक सर्जरी विभाग के
विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उधमसिंहनगर निवासी एक 9 महीने के शिशु के सिकुड़े हुए हार्ट की
सफलतापूर्वक सर्जरी को अंजाम दिया है।
चिकित्सकों के अनुसार उधमसिंहनगर निवासी 9 महीने के शिशु को बचपन से ही दूध पीने में कठिनाई होती थी।
जांच के बाद पता चला कि उसके हार्ट के वाल्ब में जन्म से सिकुड़न है
एवं एक पीडीए नामक धमनी जिसे जन्म के बाद बंद होना चाहिए मगर वह नहीं हुई थी।
इससे बच्चे के दिल पर अधिक दबाव बन रहा था एवं बच्चे का वजन नहीं बढ़ पा रहा था।
इस बच्चे का वजन मात्र 5 किलोग्राम था, उसे दूध पीते वक्त माथे पर पसीना आता था और दूध रुक रुक कर पाता था, जो कि बच्चों में हार्ट फेलियर के लक्षण है।
उन्होंने बताया कि बच्चे की पहली जांच हल्द्वानी में हुई थी जहां से उसे एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया था।
आवश्यक परीक्षण एवं जांच के उपरांत बच्चे की धमनी का संस्थान के पीडियाट्रिक सीटीवीएस विभाग के चिकित्सकों की टीम ने डा. अनीश गुप्ता के नेतृत्व में सफलतापूर्वक किया।
चिकित्सक के अनुसार सर्जरी के बाद उसके वाल्ब की दिक्कत काफी हद तक कम हो गई है तथा शिशु की हालत में लगातार सुधार हो रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में बच्चे के वाल्ब का आपरेशन किए जाने की संभावना है।
ऑपरेशन के बाद शिशु को आईसीयू में डा. अजय मिश्रा की देखरेख में रखा गया व इसके बाद उसे डा. यश श्रीवास्तव की निगरानी में शिफ्ट किया गया।
बच्चों में निम्न लक्षण होने पर पीडियाट्रिक कॉर्डियोलॉजिस्ट से कराएं जांच –
1-होंठ एवं नाखून का नीला पड़ना,
2- सांस फूलना,
3-वजन न बढ़ना,
4-दूध पीने में कठिनाई या माथे पर पसीना आना,
5-जल्दी थकान होना,
6- धड़कन तेज चलना।