– आतंकवाद से निपटने के लिए तकनीक को किया सांझा
रानीखेत अल्मोड़ा। भारत-अमेरिका संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास 2018 शनिवार को भव्य समारोह के साथ रानीखेत के चैबटिया में सम्पन्न हो गया। समापन अवसर पर दोनों देशों की सैन्य दलों ने परेड की। परेड़ की सलामी अमेरिकी सेना से डिप्टी कमांडिंग जनरल 1 कोर के मेजर जनरल विलियम ग्राहम एवं भारतीय सेना से गरुड़ डिवीजन कमांडर मेजर जनरल कविन्द्र सिंह ने संयुक रुप से ली। समुद्र तल से करीब 7 हजार फीट की ऊँचाई पर घने जंगलों में पिछले दो सप्ताह से दोनों देशों के सैन्य दलों ने आतंकवाद से निपटने के लिए एक दूसरे की तकनीक को सांझा किया। इस अवसर पर श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले सैनिकों को पुरस्कार भी वितरित किए गये।
दो सप्ताह के प्रशिक्षण के बाद विगत शुक्रवार को दोनों देशों के सैन्य दलों ने प्रशिक्षण में सीखी तकनीकि का उपयोग करते हुए उसका प्रदर्शन किया। जो रानीखेत के पिलखोली के जंगलों में किया गया। इस युद्धाभ्यास प्रशिक्षण में आतंकवाद विरोधी अभियानों में रेड, कॉर्डन और खोज, खोज और नष्ट व वाहन चैक पोस्ट के लिए अभ्यास किया गया। आतंकवादियों की निगरानी, ट्रैकिंग और पहचान, लड़ाई के लिए विशेषज्ञ हथियार का उपयोग, आईडी तटस्थ करने और प्रभावी संचार स्थापित करने के लिए कला उपकरणों के उपयोग पर भी जोर दिया गया । भारतीय व अमेरिकी सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस परेड को देखा।
समापन अवसर पर हुए कार्यक्रम में अमेरिकी जनरल ने कहा कि वह पिछले दो सप्ताह से चल रहे प्रक्षिक्षण से काफी संतुष्ट व प्रसन्न हैं । उन्होंने कहा कि वास्तव में भारतीय सेना विश्व की सर्वश्रेष्ठ सेनाओं में से एक है जो युद्ध अभ्यास 2018 से सिद्ध हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में अमेरिकी सेना भारतीय सेना के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय शांति मिशन में काम करना चाहेगी। वहीं भारत की ओर से गरुड़ डिवीजन कमांडर मेजर जनरल कविंद्र सिंह ने इस युद्ध अभ्यास को बहुत लाभप्रद बताया। उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सेनाओं ने अंतरराष्ट्रीय शांति मिशन में एक साथ काम करने की योग्यता में सक्षमता हासिल की है।
भारतीय सेना की 15 गढ़वाल राइफल्स व अमेरिका से 1/23 इन्फैंट्री रेजिमेंट ने फील्ड ट्रेनिंग अभ्यास तथा कमांड पोस्प अभ्यास में भारतीय सेना की गरूड डिवीजन तथा अमेरिकी सेना की सातवीं इन्फैंट्री डिवीजन ने भाग लिया।चैबटिया में आयोजित इस युद्ध अभ्यास में 15 गढ़वाल राइफल्स को सहयोग 14 डोगरा व 13 सिख ने भी दिया।
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इस अवसर पर श्रेष्ठ प्रदर्शन खरने वाले पुरस्कृत सैनिक
पुरस्कृत अमेरिकी सैनिक
– कोलोनेल शहनाज वकारियां
– लैफ्टीनेंट कोलोनेल क्रेग ए ब्वायलेस
– कैप्टन जोइल बेरेट
– सारजेंट मार्क रिले
– बालरीट खैरा
– मैथ्यू लोप्स
पुरस्कृत भारतीय सैनिक
– कैप्टन रवि कुमार
– सुबेदार सुखविंदर सिंह
– हवालदार अरुन बिष्ट
– सिपाही विक्रम सिंह
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