उत्तरखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव को लेकर केंद्र सरकार गंभीरतापूर्वक कार्य कर रही है.
आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव ने जोशीमठ की स्थिति की उच्च स्तरीय समीक्षा है.
>भारत सरकार की एजेंसी दे रही राज्य को सहयोग
>बना रहे लघु,माध्यम और दीर्घकालीन योजना
>सीमा प्रबंधन सचिव एवं एनडीएमए का दौरा कल
>एक्सपर्ट्स की टीम अध्ययन कर देगी संस्तुतियां
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रजनीश प्रताप सिंह तेज
नयी दिल्ली :प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा ने आज 8 जनवरी, 2023 को जोशीमठ में भवनों के क्षतिग्रस्त होने और भूमि धंसने के मामलों की उच्च स्तरीय समीक्षा की.
इस समीक्षा में भारत सरकार के कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य, उत्तराखंड के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक, जोशीमठ के जिलाधिकारी व अन्य अधिकारी, उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारी और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के विशेषज्ञ भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए.
यह बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चिंतित हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ स्थिति की समीक्षा की है.
उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने बताया कि केंद्रीय विशेषज्ञों के सहयोग से राज्य और जिले के अधिकारियों ने जमीनी स्थिति का आकलन किया है। उन्होंने बताया कि करीब 350 मीटर चौड़ी जमीन की पट्टी प्रभावित हुई है.
एनडीआरएफ की एक टीम और एसडीआरएफ की चार टीमें जोशीमठ पहुंच चुकी हैं। जिला प्रशासन प्रभावित परिवारों के साथ भोजन, आश्रय और सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था के साथ उन्हें सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के लिए काम कर रहा है.
पुलिस अधीक्षक और एसडीआरएफ के कमांडेंट मौके पर तैनात हैं। जोशीमठ के निवासियों को घटनाक्रम से अवगत कराया जा रहा है और उनका सहयोग लिया जा रहा है।
लघु-मध्यम-दीर्घकालीन योजनाएं तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की सलाह ली जा रही है.