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कोरोनाकाल में सुनहरा भविष्य बनाने का मौका,स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय में M.Sc. एपिडेमियोलॉजी में लें प्रवेश

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देहरादून : इन दिनों पूरा विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है। दुनियाभर में शोधकर्ता इस रोग की वैक्सीन पर काम कर रहे हैं। इस स्थिति में एपिडेमियोलॉजिस्ट की महत्ता भी काफी अहम् होती है।

हालांकि इनके बारे में लोगों को कम ही जानकारी होती है।

एपिडेमियोलॉजी विज्ञान की उस शाखा से संबंधित है, जिसमें संक्रामक रोगों के प्रसार का अध्ययन किया जाता है। इस क्षेत्र में विशेषज्ञ किसी एक व्यक्ति विशेष नहीं, बल्कि पूरे समुदाय व मानव जाति की रक्षा के लिए काम करते हैं।

उत्तराखंड के छात्रों को मिलेगी 26 फीसदी छूट

उत्तराखंड के छात्र-छात्राओं को मिलेगी फीस में छूट- स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय की ओर से उत्तराखंड के निवासी छात्र-छात्राओं के लिए 40 फीसदी सीटें आरक्षित रखी गई हैं।

साथ ही ट्यूशन फीस में 26 फीसदी की छूट मान्य होगी।

महामारी विज्ञान के अध्ययन से जुड़ा अनोखा कॅरियर एपिडेमियोलॉजी

स्वामी राम हिमालयन विश्वविद्यालय (एसआरएचयू) के हिमालयन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (एचआईएमएस) में एमएससी एपिडेमियोलॉजी में प्रवेश जारी है।

एपिडेमियोलॉजी या महामारी विज्ञान चिकित्सा विज्ञान का वह क्षेत्र है जिसमें मानव आबादी में रोग और उसके नियंत्रण का अध्ययन किया जाता है।दुनिया को महामारी के संकट से बचाता है एपिडेमियोलॉजिस्ट

एपिडेमियोलॉजिस्ट एक निश्चित क्षेत्र में एक निश्चित बीमारी कैसे और क्यों हुई, यह निर्धारित करने के लिए और रोग के परिणामों के कारणों पर शोध करते हैं।

वह बीमारी या बीमारी के प्रकोप पैटर्न को निर्धारित करने के लिए सर्वेक्षण और शरीर के तरल पदार्थ का विश्लेषण करके अपने शोध का संचालन करता है,

और फिर वे सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के माध्यम से बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने और भविष्य में होने वाली घटनाओं को रोकने का प्रयास करते हैं।

एपिडेमियोलॉजिस्ट एक वैज्ञानिक है जो संक्रामक रोगों के प्रसार का अध्ययन करता है।

कौन छात्र-छात्राएं ले सकते हैं प्रवेश

जो छात्र किन्हीं कारणों से चिकित्सा क्षेत्र में आने से वंचित हो गए हों अथवा नर्सिंग छात्र एवम् आयुष डॉक्टर भी अप्लाई कर सकते हैं।

यह डिग्री उनके कार्य क्षमता व नेशनल हैल्थ प्रोग्राम में उनकी कुशलता प्रमाणित करने मै सहायक होगी।

रोजगार की संभावनाएं

इस क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं है। हर मेडिकल कॉलेज में एपिडेमियोलॉजिस्ट की जरूरत होती है। इसके अलावा वे सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य संस्थानों, सरकारी एजेंसियों, प्रयोगशालाओं, दवा व्यवसायों या विश्वविद्यालयों के लिए काम कर सकते हैं।

महामारी विशेषज्ञ विश्व स्वास्थ्य संगठन और सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल जैसी सरकारी एजेंसियों में स्वास्थ्य विशेषज्ञों के रूप में काम कर सकते हैं।

राज्य एड्स नियंत्रण सोसायटी भी एपिडेमियोलॉजिस्ट के लिए नौकरी के अवसर प्रदान करती हैं।

महामारी विज्ञान विशेषज्ञ नैदानिक कंपनियों और गैर−सरकारी संगठनों, अंतरराष्ट्रीय संगठनों और राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के रुप में रोजगार पा सकते हैं। विदेशों में इस कोर्स की बहुत ज्यादा मांग है।सालाना आमदनी लाखों में

एक एपिडेमियोलॉजिस्ट अपने शिक्षा के स्तर, अनुभव व जहां वे काम करते हैं, वेतन प्राप्त करते हैं। दो लाख से 09 लाख प्रति सलाना आसानी से कमा सकते हैं।

प्रवेश के लिए यहां मिलेगी हेल्प

कुलसचिव नलिन भटनागर ने बताया कि विभिन्न कोर्सेस में प्रवेश के लिए ज्यादा जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट www.srhu.edu.in (डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट एसआरएचयू डॉट ईडीयू डॉट इन) पर उपलब्ध है।

इसके अलावा अभ्यर्थी ईमेल admissions@srhu.edu.in या 0135-2471135/611,

मोबाइल नंबर – +91-8194009631, +91-8194009632, +91-8194009640,

टोल फ्री नंबर 18001210266 पर कॉल या एसएमएस से जानकारी ले सकते हैं।

 

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